‘चमकी’ का चीत्कार है, सरकार लाचार है
बिहार में इन दिनों चमकी बुखार ने कहर ढाया हुआ है. इस बुखार ने अबतक 100 से ज्यादा बच्चों की जान लेली है. हालात ये है कि बिहार सरकार के हाथ से बात निकल गई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या कर रहे हैं, वो कहां हैं ये बता पाना मुश्किल है.
बिहार के मुजफ्फरपुर में अभी तक चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है. आधिकारिक आंकड़े बता रहे हैं कि लागातार बच्चों की जान जा रही है और स्वास्थ्य विभाग लाचार दिखाई दे रहा है. लोग कह रहे हैं बच्चे बीमार होकर अस्पताल में आ रहे हैं और मरकर जा रहे हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) नाम की बीमारी ने अभी तक करीब 100 बच्चों की जान लेली. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 83 बच्चों की मौत श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई. और करीब 17 बच्चों की मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई है.
बच्चों की मौत के बात बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने बस चिंता जाहिर की है और कहा है कि भी मृतक बच्चों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और डॉक्टरों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
चमकी बुखार से निपटने के लिए राज्य और केंद्र की सरकारें लगी हुई हैं लेकिन सभी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सभी संभव तकनीक और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया.
आपको बता दें कि जो बीमारी ने बिहार में बच्चों के लिए काल बनी है वो एक तरह का वायरल इंफेक्शन है जिसमें इसके रोगी को तेज बुखार के साथ सिरदर्द और शरीर में ऐंठन की शिकायत होती है. उत्तरी बिहार में इस बीमारी को चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है. बुखार से हुई मौतों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री को भी घेरा जा रहा है.