आधे हिन्दुस्तान में ‘त्राहिमाम’, गर्मी ले रही है इंसानों की जान
चिलचिलाती धूप और 50 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पहुंचता तापमान, दोपहर में घर से बाहर निकलो तो लगता है जैसे सूरज जला देगा. इस बार भारत के दो तिहाई हिस्से में ऐसी ही भीषण गर्मी पड़ रही है. देश का बड़ा हिस्सा लू की चपेट में है और उत्तरी, मध्य और प्रायद्वीपीय हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है.
राजस्थान के चुरू और श्रीगंगानगर में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तो लगा था कि गर्मी रिकॉर्ड तोड़ेगी लेकिन अब तो लग रहा है इस साल इतनी गर्मी पड़ेगी जितनी इतिहास में कभी नहीं पड़ी. बीते सोमवार को राजधानी दिल्ली का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस रहा जो एक रिकॉर्ड है. हालात ये है कि उत्तर प्रदेश से तमिलनाडु जा रही एक ट्रेन में चार यात्रियों की मौत गर्मी की वजह से हो गई. शहरी इलाकों में जो लोग रहते हैं वो गर्मी की वजह से पहाड़ी इलाकों में चले गए हैं. मौसम विभाग का कहना है कि समुद्री तूफान वायु और मॉनसून से कुछ राहत मिल सकती है.
गर्मी का आलम ये है कि पिछले करीब 32 दिनों से जमकर लू चल रही है. 2019 का साल ऐसा दूसरा साल है जब इतनी ज्यादा गर्म हवाएं चली हैं अगर कुछ दिन तक ऐसे ही हालात रहे तो 2019 इतिहास का सबसे गर्म साल साबित होगा. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक 1988 में सबसे ज्यादा 33 दिनों तक लू चली थी. इस साल ये रिकॉर्ड टूट सकता है. इससे पहले 2016 में भी 32 दिनों तक लू के थपेड़े लोगों को सहने पड़े थे. पुणे के भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के रिसर्च कहती है कि लंबे समय तक गर्मी रहने के चलते गर्म दिनों और रातों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
मौसम विभाग का कहना है कि 121 स्टेशनों के डेटा का कलेक्ट करके ये पता चला है कि 1970 से 2015 के बीच देश में गर्म दिन और रातें काफी संख्या में बढ़ गई हैं. वहीं ठंडे दिनों की संख्या में काफी गिरावट आई है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में गर्म हवा की तीव्रता और बढ़ेगी. अब गर्मी से राहत सिर्फ मॉनसून ही दिला सकता है और अगर बारिश भी कम हुई तो फिर काम ही मालिक है.