‘नोटबंदी की वजह से 2016-17 में टैक्स रिटर्न नहीं भरने वालों की संख्या दस गुना बढ़ी’
नोटबंदी के नफा-नुकसान पर इन दिनों खूब बातें हो रही हैं. अब एक और रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि 2015-16 में आय कर रिटर्न नहीं भरने वालों की संख्या 8.56 लाख थी, लेकिन 2016-17 में यह संख्या दस गुना बढ़ कर 88.04 लाख हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जिस नोटबंदी को केंद्र सरकार अपनी सफलता बता रही है उसकी वजह कितना नुकसान हुआ है ये भी आंकड़े सामने आ हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी से वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1.06 करोड़ नए करदाता जुड़े थे जो कि उससे पहले के वित्तीय वर्ष के मुकाबले 25 प्रतिशत ज्यादा था. लेकिन उसी साल टैक्स रिटर्न नहीं देने वालों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ था.
टीडीएस भरने वालों की संख्या घटी
रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में आय कर रिटर्न नहीं भरने वाले लोगों की संख्या 8.56 लाख थी. लेकिन 2016-17 यानी जिस साल नोटबंदी हुई उस साल रिटर्न ना भरने वालों की संख्या दस गुना बढ़ कर 88.04 लाख हो गई. यहां आपको ये भी बता दें कि टैक्स रिटर्न नहीं देने वाले लोग वे हैं जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्षों में आय कर रिटर्न भरा है, लेकिन बाद में ऐसा करना बंद कर दिया. 2016-17 के टैक्स से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि उस साल टीडीएस भरने वालों की संख्या में भी 33 लाख से ज्यादा की गिरावट देखी गई थी.