‘औसत दर्जे’ का भी नहीं रहा मोदी सरकार का प्रदर्शन: सर्वे
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) का सर्वे मोदी सरकार की पोल खोलने वाला है. सर्वे के मुताबिक मोदी सरकार के प्रदर्शन औसत दर्जे का भी नहीं रहा है. देश की 534 लोकसभा सीटों पर ये सर्वे कराया गया था.
देश की 534 लोकसभा सीटों पर कराए गए एडीआर के सर्वे में लोगों ने मोदी सरकार को पांच में से तीन अंक दिए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मोदी सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल में औसत दर्जे का प्रदर्शन भी नहीं कर पाई. खबर के मुताबिक देश की करीब 534 लोकसभा सीटों पर कराए गए सर्वे में लोगों ने मोदी सरकार को औसत दर्जे से भी खराब प्रदर्शन करने वाली सरकार बताया है.
2018 के आखिरी महीनों में हुआ सर्वे
एडीआर के ये सर्वे अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 कराया गया था. सर्वे में 31 प्राथमिकताओं के आधार पर 2.73 लाख मतदाताओं से सवाल किए गए थे. इनमें रोजगार और बुनियादी जरूरतों (स्वास्थ्य, पानी, सड़क, परिवहन आदि) से जुड़े सवाल शामिल थे. सर्वे में आतंकवाद और सेना को बाहर रखा गया था. इस सर्वे में लोगों से ये नहीं पूछा गया कि वो किसके लिए वोट करेंगे. सर्वे में ये साफ हुआ कि देश में रोजगार के बेहतर अवसर होना मतदाताओं के सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
- शहरी इलाकों में बेहतर सड़कें और साफ हवा भी एक अहम मुद्दा है.
- ग्रामीण इलाकों में रोजगार, सिंचाई, ऋण जैसे मुद्दों की अहमियत है.
सर्वे में जब लोगों ने इस मुद्दों पर बात की गई तो लोगों ने मोदी सरकार के प्रदर्शन को औसत सी भी खराब बताया. जिन मुद्दों पर लोगों ने सरकार को सबसे खराब अंक दिए, उनमें सार्वजनिक जमीन का अतिक्रमण, रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण और भ्रष्टाचार उन्मूलन के मुद्दे शामिल प्रमुख रूप से शामिल थे.