कायमगंज विधानसभा सीट का ‘किंग’ कौन बनेगा क्या है समीकरण?
कायमगंज विधानसभा सीट पर 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी लेकिन इस सीट का इतिहास रहा है कि यहां किसी भी पार्टी ने कभी रिपीट नहीं किया.
कायमगंज विधानसभा सीट यूं तो पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की सीट मानी जाती है लेकिन 2012 के बाद यहां के समीकरण बदल गए. अब यहां बीजेपी का कब्जा है. फर्रुखाबाद जिले में है कायमगंज विधानसभा (Kaimganj Assembly) है. पिछले चुनावों को देखें तो 1989 के बाद किसी पार्टी को लगातार जीत नहीं मिली है. राजनीतिक दलों के लिए कायमगंज सीट की राह 2022 में आसान नहीं होगी. अब देखना यह है कि इस चुनाव में इतिहास बदलेगा या नहीं.
2017 के चुनाव में भाजपा के अमर सिंह ने सपा के डॉ. सुरभी को 36525 वोट के बड़े अंतर से चुनाव हराया था. वहीं 2012 में सपा के अजीत कुमार ने भाजपा के वर्तमान विधायक अमर सिंह को 21838 वोट से मात दी थी.
कायमगंज विधानसभा सीट का इतिहास जान लीजिए
कायमगंज विधानसभा सीट (Kaimganj Assembly Seat) फर्रुखाबाद जिले की महत्वपूर्ण और चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है. इस सीट पर 1957 में पहला चुनाव हुआ था. यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता सलमान खुर्शीद के भाई सुल्तान आलम खान ने जीत दर्ज की थी. 1962 में पीएसपी के सियाराम यहां से विधायक बने. 1967 में जनसंघ के जीसी तिवारी इस सीट से चुनकर विधानसभा पहुंचे. 1969 में फिर कांग्रेस ने वापसी की और इस बार सियाराम गंगवार विधायक बने. 1974 में निर्दलीय अनवर मोहम्मद पर जनता ने भरोसा जताकर विधायक बनाया.
वहीं 1977 में जनता पार्टी के गिरीश चंद्र तिवारी काबिज हुए. 1980 में अनवर मोहम्मद जेएनपी (एससी) के टिकट पर विधानसभा पहुंचे. इसके बाद 1985 में निर्दलीय राजेंद्र सिंह और 1989 में फकरेलाल वर्मा विधायक बने. 1991 में जनता दल के इजहार आलम खान ने जीत दर्ज की. 1993 में पहली बार सपा काबिज हुई और प्रताप सिंह यादव यहां से विधानसभा पहुंचे. वहीं 1996 में भाजपा ने खाता खोला और सुशील शाक्य विधायक चुने गए.
2002 में लुइस खुर्शीद बनी MLA
वहीं 2002 में सलमान खुर्शीद की पत्नी और कांग्रेस प्रत्याशी लुईस खुर्शीद ने बीजेपी के सुशील शाक्य को हराया था. 2007 के चुनाव में कायमगंज सीट पर बीएसपी ने अपना परचम लहराया और कुलदीप गंगवार ने कांग्रेस की लूइस खुर्शीद को हराया था. इसी क्रम में 2012 के चुनाव में सपा ने अपना झंडा गाड़ दिया. जिसमें सपा प्रत्यासी अजीत कुमार ने बीजेपी के अमर सिंह को हराया. वहीं 2017 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने सेंध लगा दी और अमर सिंह ने सपा की डॉ. सुरभि को हराया. वर्तमान में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन इस सीट पर किसी भी पार्टी के लिए स्थितियां माकूल नहीं हैं. आंकड़ों पर नजर डाले, तो हर बार इस सीट पर जनता ने प्रत्यासी को बदल दिया है.
कुल मतदाता (2012 के अनुसार) – 3 लाख 32 हजार 585
पुरुष – 1 लाख 85 हजार 789
महिला – 1 लाख 46 हजार 789
अन्य मतदाता – 7
2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 अमर सिंह भाजपा 116304 49.77
2 डॉ. सुरभि सपा 79779 34.14
3 रामस्वरुप बसपा 31437 13.46
जीत का अंतर– 36525
2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम
स्थान प्रत्याशी पार्टी वोट वोट (%)
1 अजीत कुमार सपा 56279 28.79
2 अमर सिंह भाजपा 34441 17.62
3 अनुराग बसपा 31912 16.33
4 शकुंतला देवी कांग्रेस 19833 10.15
जीत का अंतर– 21838
2022 के विधानसभा चुनाव में कौन मारेगा बाजी?
सपा और भाजपा के बीच मुकाबला कांटे का है कांग्रेस इस बार मुकाबले में नहीं है. बहुत हद तक इस विधानसभा सीट पर जीत हार प्रत्याशियों के चयन पर निर्भर करेगी. अखिलेश यादव की पूरी कोशिश है कि फर्रुखाबाद जिले की सीट पर 2022 में जीत का परचम फहराया जाए.
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