बुल और बुलडोजर के दिन लद गए, अखिलेश की ‘विजय यात्रा’ का क्या है संदेश?

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गाजीपुर बॉर्डर से 17 नवंबर 2021 को दोपहर 1:00 बजे शुरू हुई अखिलेश यादव की विजय यात्रा 18 नवंबर सुबह करीब 5:00 बजे लखनऊ में खत्म हुई. मुख्यधारा की मीडिया में तो इससे ज्यादा कवरेज नहीं मिली लेकिन स्थानीय लोग बताते हैं हवा बदल गई है.

यूपी के गाजीपुर में समाजवादी पार्टी ने बुधवार को अपनी विजय यात्रा की शुरुआत की। गाजीपुर के पखनपुरा से शुरू हुई यात्रा मऊ और आजमगढ़ होते हुए लखनऊ के लिए रवाना हुई। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पखनपुरा में विजय यात्रा शुरू करने से पहले जनसभा को संबोधित करते हुए सरकार पर हमला बोला। जमकर सियासी तीर चलाए। 

कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे समाजवादी पार्टी की देन है। हमने इस एक्सप्रेस-वे से पूर्वांचल को तरक्की के रास्ते पर ले जाने का सपना देखा था। भाजपा सरकार ने हमारे शुरू किये कार्यों को पूरा करने में ही पांच साल बिता दिया। यह अभी अधूरा बना है। हमारी सरकार बननी तो इस एक्सप्रेस-वे को और सुंदर बनाते हुए इसे बलिया और बिहार से जोड़ेंगे।

सपा मुखिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने नौजवानों के सपनों को तोड़ने का काम किया है। चुनाव से पहले रोजगार, अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और इलाज देने का वादा किया था लेकिन सभी सपनों को तोड़ दिया। हमारी सरकार बनी तो रोजगार, अच्छी शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देंगे।इस प्रदेश में बुल और बुलडोजर चल रहा है। पूर्व सीएम ने कहा कि बताओ, बुल और बुलडोजर का चुनाव में सफाया करोगे कि नहीं करोगे। 

जनसभा में भीड़ को देख गदगद नजर आए अखिलेश ने कहा कि यहां पर जितना लाल, पीला, नीला और हरा रंग दिखाई दे रहा है, उतना ही लखनऊ और दिल्ली में बैठे लोग लाल-पीले हो रहे होंगे। यह रंग एक तरह से इंद्रधनुष की छटा बिखेर रहा है। हम सभी रंगों को लेकर चलने वाले हैं। एक रंग वाले क्या देखेंगे और क्या सुनेंगे।

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