बहादुर लड़का जिसने तेंदुए को दरांती से काट डाला, लेकिन क्यों?
तेंदुआ देखकर किसी की भी डर से हालत खराब हो जाए. पर हाल ही में ऐसी घटना सामने आई, जिससे ये साबित हो गया कि अगर हिम्मत हो तो इंसान कैसे भी खतरे से मुकाबला कर सकता है.
कहते हैं बहादुरी की कोई परिभाषा नहीं होती बस वक्त आने पर हम कैसे मुसीबत का सामना करते हैं इससे ही तय होता है कि कोई कितना बहादुर है. घटना उत्तराखंड की है जहां एक लड़के ने तेंदुए को दरांती से काट डाला क्योंकि इस लड़के को लग रहा था कि तेंदुआ उसकी बकरियों को अपना शिकार बना लेगा.
उत्तराखंड के पिथैरागढ़ जिले में ये घटना हुई. यहां एक गांव में युवक ने मादा तेंदुआ के साथ संघर्ष में उसे मार डाला. एक वन अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. पिथौरागढ के वन रेंज अधिकारी दिनेश जोशी ने बताया कि नरेश सिंह नैनी गांव में खेत में अपनी बकरियों को चरा रहा था और तभी उसके झुंड पर मादा तेंदुआ ने हमला कर दिया और उसकी एक बकरी को ले जाने लगी.
उन्होंने बताया कि सिंह ने उसके जबड़े से अपनी बकरी छीनने का प्रयास किया और इसी दौरान तेंदुए ने उस पर हमला बोल दिया, लेकिन युवक ने हार नहीं मानी. अपनी दरांती से उस पर वार किया, जिससे उसकी मौत हो गयी.
मादा तेंदुआ की उम्र दो साल थी. जोशी ने बताया कि आत्मरक्षा का मामला होने के कारण युवक के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. संघर्ष में युवक को मामूली चोटें आयी हैं. उसे प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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