Cryptocurrency Prices : क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट, भारत में क्या है इसका भविष्य?
Cryptocurrency की कीमतों में भारी गिरावट जारी है. शुक्रवार को 6% तक कीमतें गिरने के बाद फिर कीमतें गिरी हैं. इसमें प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन भी है. बिटकॉइन में पिछले 12 दिनों में यह सबसे ज्यादा गिरावट है.
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Price Today) में आज बिकवाली देखने को मिल रही है. Ethereum, Binance, Carrdano, Dogecoin, XRP और Polkadot समेत कई में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं, Bitcoin, Tether और USD Coin में हल्की खरीदारी हो रही है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का वैश्विक मार्केट कैप घटकर 1.44 लाख करोड़ डॉलर पर आ गया है. पिछले 24 घंटों में इसमें करीब 0.44 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है? What is cryptocurrency?
पिछले कुछ सालों से डिजिटल मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है जिन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए उन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं. दुनिया भर में मुद्राओं को देश के केंद्रीय बैंक नियंत्रित करते हैं लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है, इसका नियंत्रण इसकी ख़रीद-बिक्री करने वाले लोगों के हाथों में सामूहिक तौर पर होता है.
यही वजह है कि ज़्यादातर देशों की सरकारें या तो इन्हें ग़ैर-कानूनी मानती हैं या इन्हें किसी न किसी रूप में नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं. भारत, चीन और अमेरिका जैसे देशों के विपरीत दक्षिण अमेरिका के देश अल सल्वाडोर ने अब इसके इस्तेमाल पर क़ानूनी मुहर लगा दी है. हालांकि जब क़ानूनी तौर पर क्रिप्टोकरेंसी के कार्यान्वयन के लिए अल सल्वाडोर ने विश्व बैंक से तकनीकी मदद मांगी तब विश्व बैंक ने इसे मानने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे ले कर पारदर्शिता और पर्यावरण संबंधी चिंताएं हैं.
भारत में क्या है Cryptocurrency में का भविष्य?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून मौजूद नहीं हैं. यही वजह है कि वज़ीरएक्स जैसे मामलों में अभी सिर्फ़ केवाईसी के नियमों का पालन नहीं करने को लेकर नोटिस भेजा गया है.
भारत सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए एक बिल पेश कर सकती है. वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट करने पर सरकार की एससी गर्ग समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके अलावा सरकार के पास कई मंत्रालयों की एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट भी है.
जानकारों का कहना है कि एससी गर्ग समिति ने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में पाबंदी लगाने की सलाह दी है. लेकिन मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए थे कि वर्चुअल करेंसियों को केवल रेगुलेट किया जाएगा, उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. सरकार इस समय दुविधा में नज़र आती है और इसका आख़िरी फैसला क्या है, इसका पता विधेयक के पेश किए जाने के बाद ही लगेगा.
बिटकॉइन Bitcoin में अभी भी तेजी की उम्मीद
हालांकि इस भारी गिरावट के बाद भी ऐसा माना जा रहा है कि अगस्त तक बिटकॉइन का भाव 47 हजार डॉलर पर चला जाएगा. स्टॉक-टू-फ्लो बिटकॉइन प्राइस फोरकास्टिंग मॉडल्स के निर्माता ने कहा है कि, यहां तक कि बिटकॉइन के लिए सबसे खराब स्थिति अगस्त में दिखेगी जब 47,000 डॉलर पर ट्रेड करेगी. सितंबर में मामला थोड़ा उल्टा होगा और यह महीने के लिए 43000 डॉलर ट्रेड कर न्यूनतम लक्ष्य हासिल करेगी और अक्टूबर में 63000 डॉलर पर पहुँचेगी जब यह आल टाइम हाई होगा। इसके बाद इसमें और तेजी आएगी.
अमेरिका रेगुलेटर की वजह से गिरावट रही
पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिकी रेगुलेटर का मामला रहा है. रेगुलेटर ने बिटकॉइन ETF की मंजूरी में देरी कर दी है. इससे क्रिप्टो के निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ गया है. टॉप 10 डिजिटल करेंसी की कीमतों में गिरावट दिखी है. अमेरिकी रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि बिटकॉइन ETF की लिस्टिंग के लिए जनता से कमेंट मंगाया जाएगा और फिर फैसला होगा। हालांकि इससे पहले भी कई बार रेगुलेटर ने इसकी मंजूरी में देरी की है.
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