बिहार के मुंगेर में भड़की हिंसा से किसे फायदा होगा?
बिहार के मुंगेर में माता के भक्तों पर लाठीचार्ज और गोलीकांड का मामला नीतीश सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. बिहार के मुंगेर में भड़की हिंसा गुरुवार को फिर जोर पकड़ लिया. गुस्साई भीड़ ने बासुदेवपुर पुलिस चौकी में आग लगा दी है. एसपी ऑफिस पर भी हमला हुआ है.
मुंगेर में सोमवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी. बुधवार को इसका एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें पुलिस लोगों को बेरहमी से पीटती नजर आ रही थी. इस घटना को लेकर लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है. ऐसे समय में जब बिहार में दूसरे चरण के मतदान की तैयारियां जोरों पर हैं नेता रैलियों में व्यस्त हैं तब मुंगेर में भड़की हिंसा किस के चुनाव अभियान को प्रभावित करेगी? यह प्रश्न इसलिए महत्वपूर्ण है के हिंदू रक्षा की बात करने वाली बीजेपी जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है और बिहार में बीजेपी-जेडीयू की ही सरकार है. और जिन भक्तों पर गोलियां चलाई गई वह माता की यात्रा में शामिल हो रहे थे. ऐसे में नीतीश कुमार और पीएम मोदी के खिलाफ लोगों में गुस्सा दिखाई दे रहा है.
मुस्लिम-यादव समीकरण हो रहा है हावी
सूत्रों के मुताबिक ऐसी खबर आ रही है कि विसर्जन की रात हुई हिंसा में जो लोग घायल हुए थे, उनमें एक बच्चे की मौत हो गई है. इसकी सूचना मिलने के बाद लोगों का हुजूम निकल पड़ा. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. भीड़ में शामिल लोगों ने पथराव और आगजनी की. सूत्रों का यह भी कहना है कि मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण इस मामले में हावी हो गया है. मुंगेर कांड के जरिए विधानसभा के बाकी बचे दोनों फेज के चुनाव को प्रभावित करने की प्लानिंग है. इस वजह से लोगों को भड़काया जा रहा है.
हिंसा से किसको फायदा किसको नुकसान?
मुंगेर में बुधवार को वोटिंग थी इसलिए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त थी, लेकिन गुरुवार को सुरक्षा बलों के जाते ही लोग जमा होने लगे. एसपी आफिस के पास करीब 25-30 हजार लोगों के जमा हो गए. पुलिस ने बल प्रयोग करने की तैयारी की तो लोगों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने एसपी ऑफिस पर पथराव कर दिया. एक वाहन के शीशे तोड़ दिए. सराय मांडी में सड़क पर आगजनी की गई। वहां तोड़फोड़ की गई। खबर है कि भीड़ ने वहां एक जज के बंगले पर भी पथराव किया है.
जानकार बताते हैं कि मुंगेर की हिंसा राजनीतिक कारणों से भड़काई जा रही है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ेगा. लेकिन इस हिंसा से नफा नुकसान किसका है अहम सवाल यही है.
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