लॉकडाउन में सेक्स टॉयज के बाजार में आई बहार
जैसे जैसे युवा लोग बेडरूम में अपनी जरूरतों को लेकर जागरुक हो रहे हैं, सेक्स टॉयज को लेकर उनकी स्वीकार्यता बढ़ती दिख रही है. चीन में इस बाजार का नेतृत्व सबसे ज्यादा महिलाएं और मिलेनियल पीढ़ी के युवा कर रहे हैं.
लॉकडाउन में लोगों की जरूरतें बदले हैं. चीन के सेक्स टॉयज बाजार में इसका असर साफ देखा जा सकता है. कोरोनावायरस की वजह से हुए लॉकडाउन ने भले ही उद्योग जगत की रीढ़ तोड़ दी हो लेकिन सेक्सटॉयज के बाजार में बहार है. चीनी युवाओं में बेहद लोकप्रिय होने के कारण देश में सेक्स खिलौनों का बाजार 15 अरब डॉलर का हो गया है. क्या केवल कोरोना महामारी के कारण अलग थलग पड़े युवाओं की मजबूरी ही है इस बाजार के इतना फैलने की वजह या वाकई बदल गया चीन?
वाकई में यह अहम सवाल है कि चीनी युवाओं की बदलती सोच लॉकडाउन का नतीजा है या फिर चीन बदल रहा है. दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले पूरे चीन में ऐसे सेक्स टॉयज की मांग बढ़ रही है. इसके पहले बेडरूम में इस्तेमाल होने वाली ऐसी डिवाइसों का चीन सबसे बड़ा निर्यातक होता था. कोरोना महामारी के चलते देश के भीतर अनगिनत जोड़े अलग अलग रहने को मजबूर हो गए थे और मनोरंजन के ज्यादातर सार्वजनिक ठिकाने भी लंबे समय तक बंद रहे जहां लोग एक दूसरे से मिलते थे. इसके अलावा एक दूसरी वजह देश की संस्कृति में आए बदलाव भी रहे जिनके चलते युवा पीढ़ी ऐसे खिलौनों के इस्तेमाल के लिए ज्यादा खुली हुई है.
डीडब्ल्यू हिंदी में छपे लेख के मुताबिक चीनी महिलाओं के कारण ही देश में सेक्स टॉयज का बाजार नई ऊंचाइयां छू रहा है. चीन में पोर्नोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित है इसलिए यहां सेक्स टॉयज का बाजार दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है. जैसे जैसे युवा लोग बेडरूम में अपनी जरूरतों को लेकर जागरुक हो रहे हैं, सेक्स टॉयज को लेकर उनकी स्वीकार्यता बढ़ती दिख रही है.
चीन में इस बाजार का नेतृत्व सबसे ज्यादा महिलाएं और मिलेनियल पीढ़ी के युवा कर रहे हैं. मिलेनियल पीढ़ी में वो लोग शामिल हैं जिनका जन्म 1980 के 2000 के बीच हुआ है. चीन का घरेलू सेक्स टॉय बाजार अब भी कई पश्चिमी देशों और यहां तक की जापान के बाजार से भी छोटा है. चीनी रिसर्च फर्म का अनुमान है कि देश इसका बाजार अभी ही 14.7 अरब डॉलर को पार कर चुका है.
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