सेना के खर्च में कटौती करने का प्रस्ताव, क्या कंगाल हो गई है मोदी सरकार?
क्या मोदी सरकार ने देश को कंगाल कर दिया है?
क्या सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है?
सरकार सेना के खर्च में कटौती क्यों करना चाहती है?
यह कुछ सवाल है जो अब पूछे जाने चाहिए क्योंकि मोदी सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई है जिसके मुताबिक वह सेना के खर्च में कटौती करना चाहती है. अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने भारतीय सेना में होने वाले बड़े बदलावों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट का शीर्षक है: ऑप्टिमाइज़ेशन ऑफ़ मैनपावर ऐंड रिसोर्सेज़: रिव्यू ऑफ़ प्रैक्टिसेज़ ऐंड फ़ेसिलिटीज़ इन आर्मी’ है.
रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत सरकार ने सेना का ‘खर्च घटाने’ और ‘संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल’ के लिए कई बदलावों का प्रस्ताव सामने रखा है. अख़बार का कहना है कि इससे सेना में हलचल मच गई है. अख़बार का कहना है कि यह रिपोर्ट सेना के प्रमुख मुख्यालयों और बोर्ड्स में भेजी गई है. प्रस्ताव में गणतंत्र दिवस और बीटिंग रीट्रीट सेरिमनी में इस्तेमाल होने वाले आर्मी बैंड्स, पाइप और ड्रम की संख्या 30 से घटाकर 18 करने को कहा गया.
महत्वपूर्ण दिनों को सस्ते में आयोजित करने का प्रस्ताव
प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि विजय दिवस और कारगिल विजय दिवस को होने वाले कार्यक्रम कम से कम तड़क-भड़क के साथ आयोजित किए जाएं. यह पढ़ते वक्त आपको हो सकता है हैरानी हो रही हो लेकिन यह अखबार ने प्रमुखता से छापा है और इस सारी चीजें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जानकारी में हैं. तो क्या अब यह मान लेना चाहिए इस सरकार के पास पैसा नहीं है. सरकार सेना के मदों में कटौती करके अपने खजाने को बचाना चाहती है?
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