कोरोना लॉकडाउन: पीएम मोदी की कृपा से मुकेश अंबानी ने की 37 अरब डॉलर कमाई, आम जनता सड़क पर आई
एक तरफ देश का आम आदमी कोरोना की मार से कराह रहा है और दूसरी तरफ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited-RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी को लॉकडाउन में बड़ा फायदा हुआ है. तो ऐसे में आपके जेहन में सवाल होगा ऐसा कैसे हुआ? तो चलिए बताते हैं.
मुकेश अंबानी को लॉकडाउन में बड़ा फायदा हुआ है. वह भारत के इकलौते कारोबारी हैं, जो लॉकडाउन के दौरान अपने कारोबार का जबरदस्त विस्तार करने में कामयाब रहे. उन्होंने न केवल फेसबुक, गूगल जैसे कई दिग्गज निवेशक जुटाए, बल्कि खुद भी कई बड़े कारोबार का अधिग्रहण किया. नतीजा यह रहा कि वह लगातार 13वें साल फोर्ब्स की लिस्ट में भारत के सबसे अमीर शख्स बने हुए हैं. फोर्ब्स ने उनकी मौजूदा कुल संपत्ति (नेट वेल्थ) 88.7 अरब डॉलर बताई है. 2010 में यह मात्र 27 अरब डॉलर थी. 2018 में भारत में सालाना औसत वेतन (1,62,744 रुपए) था, लेकिन अंबानी की सालाना आय इससे 72 लाख गुना ज्यादा थी. इस जानकारी का आधार उस साल अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया एक अध्ययन है.
क्या पीएम मोदी से करीबी का मिला फायदा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तमाम विपक्षी नेता पीएम मोदी और उनकी सरकार पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वह सिर्फ देश के 15-20 उद्योग पतियों की सरकार चलाते हैं. मौजूदा सरकार पर आरोप यह भी लग रहा है कि पीएम मोदी की अंबानी और अडानी पर विशेष कृपा दृष्टि रहती है. तो क्या वाकई में मुकेश अंबानी को भारत का सबसे अमीर शख्स बनाने में मोदी सरकार की कृपा रही है? क्या लॉकडाउन में जब देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही थी तब मुकेश अंबानी को 37 अरब डॉलर कमाने में मोदी सरकार की नीतियों ने मदद की? यह सवाल इसलिए जरूरी हो जाते हैं क्योंकि जब आम आदमी रो रहा है तब अंबानी अपना खजाना भरने में लगे हुए हैं. 2019 में अंबानी ने 45 लाख डॉलर रोजाना के औसत से संपत्ति अर्जित की. अंबानी की संपत्ति हर मिनट 31,202 डॉलर की दर से बढ़ी. इस साल उनकी दौलत में कुल 16.4 अरब डॉलर का इजाफा हुआ.
मोदी सरकार ने लॉकडाउन में कैसे की अमीरों की मदद?
फोर्ब्स का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान तमाम गतिविधियां बंद पड़ी होने के बावजूद धनकुबेरों की संपत्ति बढ़ने का एक कारण मोदी सरकार का कॉरपोरेट टैक्स कम करने का फैसला भी है. बीते साल सरकार ने इसे 35 से कम कर 25 प्रतिशत कर दिया था. इस वजह से कारोबारियों को बड़ी बचत करने और वह पैसा कारोबार बढ़ाने में लगाने का अवसर मिला. और इसका सबसे ज्यादा फायदा हुआ रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी को 2019 की फोर्ब्स लिस्ट में मुकेश अंबानी की नेट वर्द 51.4 अरब डॉलर ही बताई गई थी. यानि, 2020 की तुलना में 37.3 अरब डॉलर कम. यह नंबर देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी सरकार की नीतियों ने कैसे अंबानी का खजाना भरने में मदद की?
आम आदमी मर रहा है, अंबानी का खजाना भर रहा है
अब आप दूसरी स्थिति को समझिए! आपने यह तो जान लिया कि लॉकडाउन में मोदी सरकार की नीतियों ने किस तरह से मुकेश अंबानी और दूसरे बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया. लेकिन आम भारतीयों की कमाई का अंदाजा पीएलएफस (पीरियोडिक लेबर फोर्स) सर्वे 2017-18 के इन नतीजों से लगाया जा सकता है. जी हां यह तो इंडेक्स है जो आपको यह बताएगा कि मोदी सरकार वाकई में सूट बूट की सरकार है. इस इंडेक्स के मुताबिक लॉकडाउन के समय में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले एक करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरियां चली गई. इंडेक्स बताता है सरकार के पास इन लोगों को रोजगार देने की कोई नीति नहीं है. वहीं दूसरी तरफ ब्लूमबर्ग ने मुकेश अंबानी को 80.6 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ हाल ही में दुनिया का चौथा सबसे अमीर शख्स बताया है.
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