यूपी में आटा मिलों के सामने क्यों लगी है भीड़, किसानों ने सरकार को दिया झटका

0

गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है लेकिन गेहूं खरीद केंद्रों पर प्रभारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और दूसरी तरफ यूपी में आटा मिलों के सामने इस वक्त खूब किसान जुड़ रहे हैं. ऐसा क्यों है?

यूपी में गेहूं की सरकारी खरीद (UP wheat Procurement centers Vacant) शुरू हो चुकी है लेकिन सरकारी खरीद केंद्र पर सन्नाटा और आटा मिलों के बाहर गेहूं बेचने वाले किसानों की कतार क्यों लगी है? ऐसा इसलिए है क्योंकि आटा मिल किसानों से महंगा गेहूं खरीद रहे हैं. यूपी में कई ऐसे आटा मिल है जो किसानों से सरकारी भाव से ₹100 ज्यादा में गेहूं खरीद रहे हैं. किसानों को एक फायदा और है की आटा मिलों में दो से 3 घंटों में उनका गेहूं बिक जाता है वही सरकारी खरीद केंद्रों पर पूरी पूरी रात किसानों को ट्रैक्टरों की लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है.

बागपत, गाजियाबाद और हापुर जैसे इलाकों में किसानों की इस वक्त खूब चांदी हो रही है. आपको इन जगहों पर गल्ला मंडी तो सन्नाटे में डूबी हुई दिखाई देंगी लेकिन यहां आस-पास जो आटा मिल हैं वहां पर आपको किसानों की ठीक-ठाक भीड़ मिल जाएगी. इस समय गेहूं की MSP 2015 रुपये है जबकि व्यापारी 2100 रुपये में गेहूं खरीद रहे हैं.

गेहूं खरीद केंद्रों के प्रभारियों का कहना है कि मार्केट रेट सरकारी खरीद केंद्रों के रेट से ज्यादा है इसलिए किसान मार्केट में गेहूं बेचना ज्यादा पसंद कर रहे हैं और सरकारी खरीद केंद्रों पर आना नहीं चाह रहे. इस साल भारत 44 लाख टन गेहूं का भंडारण करेगा. खुद उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का मानना है कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते भारत के गेहूं की मांग बढ़ी है इसी के चलते इस साल भारत 10 लाख टन गेहूं का निर्यात करेगा.

उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 28 मार्च को मिस्र की टीम भारत आई थी और अभी अप्रैल में निर्णय लिया गया है कि गेहूं का निर्यात किया जाएगा. यही वजह है कि प्राइवेट कंपनियां किसानों से सीधे ज्यादा से ज्यादा गेहूं खरीद कर वैश्विक बाजार में अच्छे मुनाफे पर बेचना चाहती हैं और किसानों की मजबूरी ये है कि उसे तुरंत अपना गेहूं कम मुनाफे में बेचकर अगली फसल लगाने के लिए पैसे चाहिए.

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. https://rajniti.online/ पर विस्तार से पढ़ें देश की ताजा-तरीन खबरें

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *