पिता मुलायम सिंह यादव की शरण में पहुंचे अखिलेश, लखनऊ में हुई लंबी बैठक में क्या हुआ ?

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अखिलेश यादव इस वक्त एक मुश्किल दौर में है विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के चुनाव में मिली शिकस्त ने उन्हें परेशान कर दिया है. यही वजह है कि वह अपने कुल वोट बैंक को बचाने के लिए पिता मुलायम सिंह यादव की शरण में पहुंच गए हैं.

एक तरफ चाचा शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की सभी राज्य इकाइयों को भंग कर दिया तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की शरण में पहुंच गए. पहले मैनपुरी करहल में अपने लोगों के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और उसके बाद लखनऊ में अपने पिता मुलायम सिंह यादव के साथ एक लंबी बैठक की.

समाजवादी पार्टी पर बारीक नजर रखने वाले बताते हैं कि अखिलेश यादव इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर में हैं. एक तरफ उन्हें चाचा शिवपाल सिंह यादव से चुनौती मिल रही है तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी उन्हें नेस्तनाबूद करने की प्लानिंग पर काम कर रही है. ऐसे में उन्हें लगता है कि अगर कोई उनकी राजनीति को उछाल दे सकता है तो वह है मुलायम सिंह यादव. शायद इसीलिए अखिलेश यादव ने अपने पिता के साथ लंबी मंत्रणा की है.

विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह की परिस्थितियां समाजवादी पार्टी के सामने खड़ी कर दी हैं उससे निपटने के लिए जरूरी है कि अखिलेश यादव अपने पिता की तरह राजनीति करें. लेकिन क्या उनके लिए यह सब आसान होगा? क्योंकि आज की तारीख में अखिलेश यादव से वही सब लोग खिलाफ हैं जो एक जमाने में उनके पिता के सिपहसालार हुआ करते थे. जैसे आजम खान और शिवपाल सिंह यादव जैसे लोग.

पिता ने पुत्र को क्या सलाह दी?

बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव को मशवरा दिया है कि वह पार्टी में बदलाव करें. और सभी जिला इकाइयों का नए सिरे से गठन करें. मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश से यह भी कहा है कि पुराने नेताओं को कैसे जोड़ कर रखना है यह उन्हें सीखना होगा. कुछ लोग यह भी कयास लगा रहे हैं कि नेता जी से मुलाकात के बाद शायद अखिलेश यादव चाचा शिवपाल और आजम खान फैक्टर से निपटने में कामयाब हो सकते हैं.

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