पीएम मोदी ने किया भगवान शिव का अपमान, लोगों में भयंकर नाराजगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है. पीएम मोदी का यह दौरा धार्मिक या राजनीतिक था. इसको लेकर बहस जारी है. बहस हो भी क्यों नही, मोदी जी ने कुछ काम ही ऐसा किया है.
केदारनाथ के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि बाबा केदार के गर्भ गृह का लाइव टेलीकास्ट किया गया हो. लेकिन पीएम मोदी ने के लिए वह भी करवा दिया गया. इसका असर यह हुआ है कि पूरी केदारघाटी बीजेपी और पीएम मोदी से भयंकर खफा हो गई है. स्थानीय पत्रकार तो यह भी बताते हैं कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर दिखाई देगा और केदारघाटी की सभी सीटें बीजेपी हार जाएगी.
गुप्तकाशी के रहने वाले रमेश नौटियाल ने बताया, ‘यह सरासर अपमान है बाबा केदार का. जिस गर्भ गृह में शंकराचार्य को भी साल में दो बार जाने की अनुमति है वहां पर मोदी जी ने दर्जनों कैमरों को ले जाकर पूरी दुनिया में लाइव टेलीकास्ट करा दिया.’ रमेश बताते हैं, ‘ आप देख लीजिएगा इसका परिणाम पूरे देश को भुगतना पड़ेगा और केदार घाटी में दोबारा तबाही आना है’
क्या चुनाव के लिए बाबा के दर्शन करने गए थे पीएम मोदी?
यूं तो धार्मिक स्थल पर अपनी भावनाओं को प्रकट करना व्यक्तिगत ही माना जाना चाहिए, लेकिन यदि यह दौरा एक खास वक्त और संदेश को देने से जुड़कर किया जाए, तो इस पर सवाल उठना भी लाजमी है. कुछ ऐसी स्थितियों के कारण ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को भी धार्मिक के बजाय राजनीतिक ज्यादा माना जा रहा है. दरअसल प्रधानमंत्री मोदी भले ही पूर्व से ही केदारनाथ आते रहे हो और उनका लगाव बाबा केदार से रहा हो, लेकिन 2014 से अब तक केदारधाम में प्रधानमंत्री का आगमन एक खास वक्त और संदेश देने के लिए होता हुआ दिखाई दिया है.
केदारनाथ में अपनी सेवाएं देने वाले रामप्रसाद बेनीवाल बताते हैं कि ‘मैंने बहुत सारे लोगों को बाबा केदार के दर्शनों के लिए आते हुए देखा है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने यहां पर जो नियमों को तोड़ा है वैसा किसी ने नहीं किया. हजारों पुलिसकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था की गई और थ्री लेयर सिक्योरिटी लगाई गई जिससे कि हम लोग मोदी जी के दौरे का विरोध न कर सकें. और बाबा के गर्भ ग्रह में कैमरे ले जाए’ बेनीवाल के मुताबिक इस सरकार ने अपनी तबाही का और बर्बादी का इंतजाम कर लिया है.
क्या पीएम मोदी ने केदार घाटी के लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया?
कांग्रेस तो पहले से ही पीएम मोदी के इस दौरे का विरोध कर रही है लेकिन अब केदार घाटी के लोग भी खुलकर अपनी भावनाएं जाहिर कर रहे हैं. यहां के लोगों का कहना है कि बाबा केदार की एक गरिमा है जिसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता. 2013 में आई आपदा इन्हीं उल्लंघन ओं के कारण आई थी. लोगों का कहना है कि पीएम मोदी ने अपने प्रचार के लिए और राजनीतिक फायदे के लिए बाबा केदार के नियमों को तोड़ा है. इसका खामियाजा हम सभी को भुगतना पड़ेगा.
बता दें कि गर्भ दर्शन के दौरान फोटो और वीडियो लेना पूर्ण रूप से वर्जित है। यहां तक कि यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को गर्भ गृह के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की सख्त मनाही होती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि मंदिर समिति और प्रशासन से इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई।
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