उत्तराखंड में अब संघ नागपुर से चलाएगा सरकार, ये 6 लोग रखेगें CM धामी पर नज़र… बड़े बदलाव के संकेत
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलने के बाद अब एक और नया बदलाव होने जा रहा है. 2022 के चुनाव से पहले सत्ता की कमान अब संघ के हाथों में आने वाली है. यानी सीएम की कुर्सी पर तो धामी होंगे लेकिन संचालन नागपुर से किया जाएगा.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 PRO (जनसंपर्क अधिकारी) को नियुक्त किया है। इनमें से तीन मुख्यमंत्री कार्यालय में रहेंगे, दो मुख्यमंत्री धामी के निर्वाचन क्षेत्र में काम करेंगे और तीसरे पीआरओ के पास जनता की शिकायतों को निपटाने का जिम्मा होगा. इन नियुक्तियों से पहले RSS के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी के सीनियर नेताओं के साथ कई दौर की बैठक की, जिसमें संघ के साथ समन्वय पर जोर देने की जरूरत पर चर्चा हुई.
6 अगस्त को जारी आदेश के अनुसार सीएम दफ्तर में नियुक्त तीन पीआरओ को संघ से जुड़े संगठनों से समन्वय करने का काम सौंपा गया। यह तीनों जनसंपर्क अधिकारी RSS बैकग्राउंड वाले माने जाते हैं। इसके अलावा जिन तीन अन्य PRO की नियुक्ति हुई है, वह भी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे. एक सीनियर अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि आदेश में जिस ‘संघ’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है उसका संदर्भ RSS से है.
वहीं आरएसएस के पदाधिकारी के अनुसार आमतौर पर हमें किसी भी सरकारी अधिकारी से बात करने में समस्या नहीं होती है लेकिन अगर हमारे फोन कॉल, चिट्ठियों को रिसीव करने और हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों के निपटारे के लिए सीएम दफ्तर में कोई विशेष व्यक्ति हो तो मामलों का निपटारा आसान होगा.
कौन हैं 6 कोऑर्डिनेटर?
- राजेश सेठी: विधानसभा कैंप ऑफिस से काम करेंगे। वह संघ और भाजपा के केंद्रीय और देहरादून के पदाधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे।
- भजराम पंवार: सीएम आवास के कैंप कार्यालय से काम करेंगे, वह संघ और उससे जुड़े संगठनों के साथ समन्वय करेंगे। वह सीएम की दौरों और यात्राओं के अनुसार इन संगठनों से संबंधित कार्यक्रम बनाएंगे।
- गौरव सिंह: सीएम सचिवालय कार्यालय में काम करेंगे, भाजपा और उससे जुड़े संगठनों से संबंधित कामों के निपटान और देखरेख करेंगे, साथ ही उनके पास निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ समन्वय की जिम्मेदारी भी होगी।
सूत्रों के अनुसार पंवार पहले बागेश्वर के आरएसएस जिला प्रचारक थे, गौरव पश्चिमी यूपी में नगर कार्यवाह के रूप में काम कर रहे थे और सेठी देहरादून में संपर्क प्रमुख के पद पर तैनात थे.
इसके अलावा अन्य 3 PRO की बात की जाए तो इनके नाम प्रमोद जोशी, नंदन सिंह बिष्ट और मुलायम सिंह रावत है, यह तीनों पूर्व में भाजपा से जुड़े रहे हैं। जोशी और बिष्ट सीएम के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कामों को देखेंगे, जबकि रावत जनता की शिकायतों और सुझावों का ध्यान रखेंगे.
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए ही इन बदलावों को अगर गौर से देखा जाए तो नागपुर अब पहाड़ की राजनीति में पूरा दखल देने वाला है. और पुष्कर सिंह धामी सिर्फ नाम के मुख्यमंत्री रह जाएंगे. खबर तो यह भी आ रही है कि संघ प्रमुख खास तौर पर इस राज्य पर ध्यान दे रहे हैं और उन्होंने इन 6 लोगों के अलावा कुछ और लोगों को भी राज्य की सियासी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगाया है.
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