Tokyo Olympic: महिला खिलाड़ियों के शरीर को लेकर क्यों हो रही है इतनी चर्चा

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Tokyo Olympic: टोक्यो ओलंपिक में इस बार खेलों से ज्यादा महिला खिलाड़ियों के शरीर को लेकर चर्चा हो रही है. कुछ लोग इस बात को लेकर आपत्ति उठा रहे हैं कि खेल के दौरान महिला खिलाड़ियों का शरीर दिख रहा है.

Tokyo Olympic 2020: टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक की दावेदार पहलवान विनेश फोगाट का सबसे पहला ‘दंगल’ अपनी सहूलियत के कपड़े पहनने का था. टी-शर्ट और ट्रैक-पैंट में कुश्ती करना बेहतर था, लेकिन ऐसे कपड़ों में उनके शरीर के उभार दिखने से लोगों को परेशानी थी. विनेश की बात हरियाणा के गाँव की है और पंद्रह साल पुरानी है, लेकिन दुनिया के हर कोने में, हर दौर में महिला खिलाड़ियों की पोशाक पर चर्चा कई बार उनकी मेहनत और लगन पर हावी हो जाती है. टोक्यो ओलंपिक में भी ऐसी ही चर्चाएं इस बार कुछ ज्यादा ही हो रही हैं.

Tokyo Olympic में जर्मनी की एक महिला खिलाड़ी के कपड़ों की चर्चा

टोक्यो ओलंपिक में अपनी सहूलियत के कपड़े पहनने का एक दंगल चल रहा है. जर्मनी की महिला जिमनास्टिक टीम ने जांघों से पहले खत्म होने वाली पोशाक ‘लियोटार्ड’ की जगह पूरा बदन ढँकने वाली ‘यूनीटार्ड’ पहनने का फ़ैसला किया. उनका तर्क ये है कि ढँके बदन में उन्हें ज़्यादा सहूलियत है और मर्दों की तरह उन्हें भी इसकी आज़ादी मिलनी चाहिए. अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में महिला खिलाड़ियों की पोशाक अक्सर ऊंची, छोटी और तंग रहती है. वहीं मर्दों की पोशाक के नियमों में शरीर को आकर्षक दिखाने वाले कोई कायदे नहीं हैं, सारा ध्यान खेलने की सहूलियत पर होता है.

टोक्यो ओलंपिक में जर्मन जिमनास्टिक्स टीम ने जो कपड़े पहने उसको लेकर विवाद शुरू हो गया. लेकिन इसी साल अप्रैल में यूरोपियन आर्टिस्टिक जिमनास्टिक्स चैम्पियनशिप में पहली बार ‘यूनीटार्ड’ पहनकर अपना विरोध दर्ज किया था. जिमनास्टिक्स की दुनिया में हिंसा का ताज़ा उदाहरण अमेरिकी महिला टीम के डॉक्टर रहे लैरी नासर का है, जिन पर 150 महिला खिलाड़ियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और जिन्हें अब 175 साल की जेल की सज़ा हो गई है. लेकिन ‘सेक्सिस्ट’ सोच और संस्कृति में बदलाव लाना आसान नहीं है.

महिला खिलाड़ियों के कपड़ों को लेकर नॉर्वे में भी विवाद

पिछले सप्ताह नार्वे की महिला बीच-हैंडबॉल टीम ने भी जब अपनी सहूलियत को आगे रखते हुए बिकिनी शॉर्ट्स की जगह निकर पहनने का फैसला किया तो उन्हें पोशाक के नियम के उल्लंघन के लिए हर्जाना देना पड़ा, लेकिन महिला खिलाड़ी अकेली भी नहीं. अमेरिकी पॉप स्टार ‘पिंक’ ने इस हर्जाने का ख़र्च उठाने की पेशकश की है. कुल मिलाकर एक तरफ जहां खेलों का महाकुंभ चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ महिला खिलाड़ियों के कपड़ों की चर्चा भी खूब हो रही है. महिला खिलाड़ियों की मांग है कि जब पुरुष अपनी सहूलियत के हिसाब से कपड़े पहन सकते हैं तो महिला खिलाड़ियों को यह छूट क्यों नहीं दी जाती.

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