पेगासस की मदद से लोगों के मोबाइलों में कौन, कैसे और क्यों झांक रहा है?

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पेगासस को लेकर इस वक्त भारत में खूब चर्चा हो रही है. रविवार देर शाम ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ और भारत में समाचार वेबसाइट ‘द वायर’ ने एक ख़बर प्रकाशित कर दावा किया कि दुनियाभर के कई पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन इस सॉफ्टवेयर के जरिए हैक किए गए.

पेगासस से जुड़ा हर वो सवाल जिसका जवाब आप जानना चाहते हैं हम यहां आपको दे रहे हैं. वैसे तो भारत की राजनीति में इस वक्त यह शब्द खूब चर्चा में है. लेकिन जासूसी के इस पूरे कांड को समझने के लिए आपको परत दर परत इस पहेली को सुलझाना होगा. तो सबसे पहले तो आपको पेगासस के बारे में बता देते हैं.

पेगासस है किस बला का नाम?

ये एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर है जिसे इसराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है. इसके जरिए किसी व्यक्ति का फोन हैक करके उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है. इसे टारगेट के फोन में इंस्टॉल किया जाता है और फिर उसके फोन का रीमोट कंट्रोल ले लिया जाता है. ये रिमोट एक्सेस ट्रोजन की तरह काम करता है.

यरूशलम स्थित द इंस्टीट्यूट फ़ॉर नेशनल सिक्यूरिटी स्टडीज़ से जुड़े साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल गाबी सिबोनी के मुताबिक, “ये कैसे काम करता है इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. ये एक बेहद उन्नत सॉफ्टवेयर है जिसे एनएसओ ने डेवलप किया है.” इसे बनाने वाली कंपनी एनएसओ का गठन 2009 में हुआ था और ये अति उन्नत निगरानी टूल बनाती है. दुनिया के कई देशों की सरकारें इसकी ग्राहक हैं.

क्या आम आदमी इस सॉफ्टवेयर को खरीद सकता है?

जी नहीं अगर आप यह सोच रहे हैं कि इस सॉफ्टवेयर को हर शख्स खरीद सकता है तो आप गलत है. इसे सिर्फ किसी देश की सरकार या कोई सरकारी एजेंसी ही खरीद सकती है. कंपनी के मुताबिक इसे इस्तेमाल करने वालों में 51 प्रतिशत सरकारी ख़ुफ़िया एजेंसियां हैं और 38 प्रतिशत क़ानून लागू करवाने वाली एजेंसियां हैं जबकि 11 प्रतिशत सेनाएं हैं. एनएसओ के मुताबिक इसे आतंकवादियों पर नज़र रखने और आतंकवादी घटनाओं को रोकने के मक़सद से विकसित किया गया है. भारत सरकार इसकी ग्राहक है या नहीं इसकी ना ही पुष्टि की जा सकती है.

पेगासस सॉफ्टवेयर कैसे हैक करता है फोन?

आप मेरे से बहुत सारे लोग यह जानना चाहते होंगे कि आखिर यह सॉफ्टवेयर किसी के फोन को हैक कैसे करता है. तो सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि जिसको भी टारगेट करना होता है उसको करप्ट मैसेज यह फाइल भेजी जाती है और उसके बाद डिवाइस को हैक कर लिया जाता है. इस सॉफ़्टवेयर के बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन ये माना जा सकता है कि ये भी फोन को वैसे ही हैक करता होगा जैसे बाकी टूल करते हैं, बस इसका तरीका हो सकता है अति उन्नत हो. कोई ना कोई कमज़ोरी तो हैकर देखते ही हैं.

भारत में क्यों बाहर आया जासूसी का जिन्न?

दरअसल भारत की सरकार पर आरोप है कि वह उन लोगों के फोन टैप कर रही है जो उसकी आलोचना कर रहे हैं. ऐसे लोगों में कई नामचीन पत्रकार और समाजसेवी शामिल हैं. और इसीलिए इसराइल में विकसित पेगासस स्पाईवेयर के जरिए चर्चित लोगों की कथित फ़ोन टैपिंग को लेकर देश में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है. कांग्रेस ने सोमवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ‘गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच कराने’ की मांग की.

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तो कांग्रेस के आरोपों के बाद तुरंत भारतीय जनता पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आरोपों को निराधार और बेबुनियाद करार दे दिया. केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के आरोपों को ‘शर्मनाक, मर्यादाविहीन’ और कथित टैपिंग मामले को ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ बताते हुए ख़ारिज किया. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार शाम एक बयान जारी करके आरोपों को ‘साजिश’ बताया और कहा, “विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी.”

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