भारत में गरीबी बढ़ी लेकिन अंबानी-अडानी जैसे लोगों की मौज
भारत में गरीबी बढ़ी है. आम भारतीयों की कमाई रसातल में चली गई है और अरबपतियों की कमाई दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है. भारत सहित दुनिया के ज्यादातर देशों में सबसे अमीर 1 फीसद लोगों की संपत्ति में बढ़ोत्तरी हुई है.
भारत में गरीबी की मार झेल रहे आम आदमी को गरीबी से उबारने के लिए सरकार कोई खास जतन नहीं कर रही है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में आम आदमी और गरीब हुआ है जबकि अरबपतियों की संपत्ति में इजाफा हुआ है. हिना अरबपतियों की सूची में अंबानी-अडानी जैसे लोग शामिल हैं. डॉलर को मुद्रा का आधार माने तो साल 2020 में हर भारतीय परिवार की घरेलू संपत्ति 6.1 प्रतिशत कम हो गई है. वहीं रुपये को आधार माने तो यह कमी करीब 3.7 प्रतिशत है. संपत्ति में आई इस कमी की मुख्य वजह यहां जमीन और घरों के दाम में आई भारी गिरावट है.
भारत में गरीबी आम आदमी को ही क्यों मार रही है?
स्विस बैंक केड्रिट सुइस की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. पूरी दुनिया में असमानता बढ़ने का दावा करने वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है, “आर्थिक गतिविधियों में भारी गिरावट से सबसे धनी समूह न सिर्फ अछूता रहा है बल्कि शेयरों की कीमत बढ़ने और घरों के दामों पर ब्याज दरें कम होने से उसे फायदा भी हुआ है.” डॉलर को मुद्रा का आधार माने तो साल 2020 में हर भारतीय परिवार की घरेलू संपत्ति 6.1 प्रतिशत कम हो गई है. वहीं रुपये को आधार माने तो यह कमी करीब 3.7 प्रतिशत है. संपत्ति में आई इस कमी की मुख्य वजह यहां जमीन और घरों के दाम में आई भारी गिरावट है.
अरबपति हुए और अमीर जबकि आम आदमी हुआ गरीब
रिपोर्ट के मुताबिक असमानता की माप करने वाला गिनी सूचकांक भारत के मामले में साल 2020 में अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 82.3 पर पहुंच गया. यानी साल 2000 में जहां सबसे अमीर 1 प्रतिशत भारतीयों के पास भारत की 33.5 प्रतिशत दौलत थी, वह 2020 में बढ़कर 40.5 प्रतिशत हो गई है. जो अब तक सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत और चीन दोनों ही देशों में साल 2020 में शेयर के दामों में इजाफा इसके लिए जिम्मेदार है.” तेजी से संपत्ति में बढ़ोत्तरी, बढ़ती असमानता और सरकारों को हो रहे घाटे के चलते पिछले कुछ समय से दुनियाभर में अमीर लोगों पर और टैक्स लगाने की बहस चल रही है.
अमीरों पर टैक्स बढ़ाकर दूर की जा सकती है आम आदमी की गरीबी
अमीरों पर व्यक्तिगत इनकम टैक्स बढ़ाने का आइडिया बहुत प्रभावशाली नहीं है. इन पर पहले से ही 40 प्रतिशत से ज्यादा टैक्स लगता है. इसमें और बढ़ोतरी हुई तो ये अमीर लोग देश छोड़कर जाने लगेंगे. वैसे भी बड़ी संख्या में अमीर भारतीय देश छोड़कर दुबई जैसे शहरों में जाकर बस रहे हैं. विवेक कौल कहते हैं, समस्या की असली जड़ कॉरपोरेट टैक्स हैं. सरकार को चाहिए कि वह कॉरपोरेट टैक्स में बढ़ोतरी करे.
कोरोना महामारी में किया कोढ़ में खाज का काम
चीन और भारत पर टिप्पणी करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री एंगस डीटन लिखते हैं, “कोरोना के दौरान चीन ने ज्यादातर देशों के मुकाबले अच्छा किया है, जबकि भारत ने खराब प्रदर्शन किया है. चीन में लोगों की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई, जिससे वे दुनिया के अमीर देशों के करीब पहुंचे और वहां वैश्विक असमानता में कमी आई. भारतीयों की आय में भारी कमी आई, जिससे यहां वैश्विक असमानता और बढ़ी.” यह साफ है कि चीन ने कोरोना से जहां बेहतर ढंग से लड़ाई लड़ी और अपनी जनसंख्या का जीवनस्तर उठाया, भारत में गरीबी दूर करने के लिए ऐसी कोशिश करनी होगी.
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