मिशन 2022: पिता मुलायम के नक्शेकदम पर अखिलेश, जीत के लिए जंग की तैयारी
मिशन 2022 के लिए समाजवादी पार्टी एक बार फिर अपने जातीय समीकरणों को दुरुस्त करने में जुट गई है. सपा मुखिया अखिलेश यादव का फोकस गैर यादव जातियों को अपने पक्ष में लामबंद करना है, जिनका बड़ा हिस्सा पिछले कुछ समय से छिटक कर भाजपा में जा चुका है.
मिशन 2022 के लिए अखिलेश यादव ने पिता मुलायम के नक्शे कदम पर चलते हुए गैर यादव जातियों को लामबंद करने की जो योजना बनाई है उसकी काट किसी दूसरी पार्टी के पास नजर नहीं आती. समाजवादी पार्टी की तरफ से दूसरे दलों के तमाम पिछड़े वर्ग के असंतुष्ट नेताओं को शामिल कराने की मुहिम अब तेज हो गई है. यही नहीं उनकी निगाह अपना दल के कृष्णा पटेल गुट से लेकर सुभासपा व अन्य छोटे दलों पर है.
मिशन 2022 के लिए इन जातियों पर है नजर
लखनऊ में चल रहे हालिया घटनाक्रम पर अगर नजर डालें हैं तो हाल में कई कुर्मी नेता सपा में शामिल हुए हैं. अब सपा की निगाह बसपा से निकाले गए लालजी वर्मा पर है, जिन्होंने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं. राम अचल राजभर के लिए भी भाजपा व सपा दोनों रास्ते खुले हैं. इस बीच लाकडाउन खत्म होने के बाद सपा में नेताओं की आमद शुरू हो गई है. अभी हाल ही में पूर्व मंत्री व बांदा से भाजपा विधायक रहे शिव शंकर सिंह पटेल ने भी सपा का दामन थामा है.
मिशन 2022 में पिछड़ा वोट बैंक करेगा गेम
एक जमाने में जिस गणित के सारे मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की थी अब उसी गणित को ध्यान में रखते हुए अखिलेश यादव ने पिछड़ों को साधने की प्लानिंग पर काम करना शुरू किया है. पिछड़ा वोट बैंक के लिए भाजपा व सपा के बीच टक्कर है लेकिन बसपा व कांग्रेस व अन्य छोटे दल अलग-अलग क्षेत्रों में इन जातियों में थोड़ा बहुत असर रखते हैं.
कई नए नेताओं ने थामा समाजवादी पार्टी का दामन
पिछड़े, दलित व मुस्लिम नेताओं ने थामा सपा का हाथ
भाजपा विधायक के पति दिलीप वर्मा तो हाल ही में सपा में शामिल हुए. पूर्व सांसद बाल कृष्ण पटेल पिछले साल कांग्रेस छोड़ कर सपा में शामिल हुए थे. दलित नेताओं में इस साल आरके चौधरी इसी साल सपा में आए. बसपा सरकार में वित्त मंत्री रहे केके गौतम भी सपा में शामिल हो चुके हैं. उसके बाद बसपा से पूर्व विधायक योगेश वर्मा अपनी पत्नी व मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा के साथ सपा की सदस्यता ले ली. मुस्लिम नेताओं में बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी नसीम बेगम तो सपा में शामिल हो गए. असलम चौधरी बसपा के उन बागी विधायकों में जो सपा के संपर्क में हैं और विधायक होने के कारण अभी यथास्थिति में हैं.
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