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डेंगू बुखार (Dengue fever)- कारण और इलाज

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डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है।

National Dengue Day 2021: यह रोग मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अनुमानतः 500,000 लोगों को हर साल डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, जिनमें से भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण-पूर्व एशिया, मेक्सिको, अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में तो बड़ी आबादी इस बुखार से प्रभावित होती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस साल 13 अक्टूबर 2019 तक डेंगू बुखार के 67,000 मामले सामने आ चुके थे।

डेंगू बुखार (Dengue fever) के कारण (Dengue ke Karan)

डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं – डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है।

एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

डेंगू बुखार (Dengue fever) के लक्षण (Dengue ke Lakshan)

आमतौर पर डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है, जिसके साथ इनमें से कम से कम दो लक्षण होते हैं:

  1. सिर दर्द
  2. मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
  3. जी मिचलाना
  4. उल्टी लगना
  5. आंखों के पीछे दर्द
  6. ग्रंथियों में सूजन
  7. त्वचा पर लाल चकत्ते होना

तीन प्रकार के बुखार होते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है, जो इस प्रकार हैं – हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम।

  1. हल्का डेंगू बुखार – इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।
  2. डेंगू रक्तस्रावी बुखार – लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।
  3. डेंगू शॉक सिंड्रोम – यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता है।

डेंगू का उपचार ( #Dengue ka upchar )

डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, क्योंकि डेंगू एक वायरस है। यथासमय देखभाल से मदद मिल सकती है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर है। डेंगू बुखार के कुछ बुनियादी उपचार निम्नलिखित हैं :

डेंगू से बचाव ( Dengue Se bachav)

शोधकर्ता अभी भी डेंगू बुखार के लिए एक विशिष्ट इलाज खोजने पर काम कर रहे हैं। डेंगू बुखार के उपचार में एसिटामिनोफेन टैबलेट के साथ दर्द निवारकों का प्रयोग शामिल है। इसके अतिरिक्त, आपका डॉक्टर आपको खूब तरल पदार्थ पीने और आराम करने की सलाह देगा। सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है। नीचे कुछ क्रियाकलाप बताए जा रहे हैं, जिन्हें आप वायरस से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपना सकते हैं :

सालाना सैकड़ों लोगों की जान लेता है डेंगू बुखार

National Dengue Day 2021: डेंगू (Dengue) के प्रति जागरुकता (Awareness) फैलाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day) मनाया जा रहा है.

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में डेंगू के केस सामने आते हैं और करीब 3 बिलियन लोग डेंगू के प्रभावित एरिया में रहते हैं जिसमें भारत, चीन, अफ्रीका, ताइवान और मैक्सिको आदि देश शामिल हैं.

अकेले भारत की बात की जाए तो नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में केवल भारत में डेंगू के 67,000 मामले सामने आए थे जबकि 2017 डेंगू के मामले में भारत के लिए सबसे खराब साल रहा था.

इस साल लगभग 1.88 लाख लोग डेंगू की चपेट में आ गए थे जिनमें से 325 लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी.

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