सीने में दर्द चिंता का कारण होता है. सर्दी के दिनों में यह परेशानी बढ़ जाती है. सीने या छाती में दर्द के अलग-अलग कारण हो सकते हैं और ज्यादातर मामलों में मरीज को ये कारण साफ पता नहीं होते हैं. इसलिए सावधान रहें
दर्द होने के पीछे वात, पित्त और कफ तीनों दोष होते हैं. लेकिन सीने में दर्द सिर्फ दिल का दौरा पड़ने से ही होता है ये गलतफहमी नहीं करना चाहिए. बहुत सारे कारणों के सीने में दर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं. इसलिए जब भी आपको ऐसा महसूस तुरंत सतर्क हो जो जाएं.
सीने में दर्द (What is Chest pain)
दिल में तीनों ही दोष यानि वात, पित्त और कफ समान रूप में रहते हैं. लेकिन तीनों दोषों का अलग -अलग क्षय एवं वृद्धि होने से सीने में दर्द की समस्या होती है. जब मुख से भोजन लेते है तो मुख में लार उत्पन्न होता है यह लार भोजन में उपस्थित स्टार्च को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ने लगती है। इसके बाद भोजन, भोजन नली से होते हुए पेट में आता है जहाँ पेट के अंदर की परत भोजन को हजम करने के लिए पाचक उत्पाद बनाती है. इसी प्रक्रिया के दौरान एसिड भी बनता है. कई लोगों में लोवर इसोफैगिदल स्फिक्टर (भोजन नलीका) ठीक से बन्द नहीं होती है और अक्सर खुला रह जाता है. जिससे पेट का एसिड वापस बाहर इसोफैगस में चला जाता है. इससे छाती में दर्द और तेज जलन होती है. इसे ही जीई आरडी या एसिड रिफ्लकस कहते है.
सीने में दर्द होने के कारण (Causes of Chest pain)
दर्द फेफड़ों में संक्रमण, आहार नली, मांसपेशियों, पसलियों तंत्रिकाओं की किसी समस्या के कारण भी हो सकता है.
सीने में दर्द होने के 16 कारण
- फेफड़े की बीमारी-फेफड़े की बिमारी होने की वजह से भी छाती में दर्द हो सकता है.
- फेफड़ों के परत (pleura) में सूजन दर्द के कारण बनता है.
- फेफड़ो की बिमारी जैसे निमोनिया और दमा भी दर्द का कारण बन सकता है.
- छाती की अंदरूनी झिल्ली में सूजन के कारण
- टीबी-सीने में दर्द का मुख्य कारण टीबी भी हो सकता है. इस बीमारी में भी फेफड़ों की झिल्ली में सूजन आ सकती है.
- एंजाइना पेक्टोरिस-सीने के बाई ओर से दर्द का एक कारण हार्ट अटैक भी हो सकती है.
- दिल को ऑक्सीजन की पूर्ति न होने से दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत होने लगती है.
- हृदय से जुडने वाले शरीर के आंतरिक अंग और दिमाग को रक्त पहुँचाने वाली धमनियों में रक्त का संचरण बाधित होने पर दर्द होता है.
- कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन-कोरोनरी धमनी में किसी छेद या खरोंच होने को कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन कहा जाता है. यह स्थिति कई प्रकार के कारको की वजह से पैदा हो सकती है. इसके कारण अचानक गम्भीर दर्द हो सकता है.
- हड्डी/तंत्रिका समस्याएँ-सीने की पसली टूटने के कारण भी दर्द हो सकता है.
- स्पाइन में इंजरी के कारण भी दर्द हो सकता है, जिसमें कार्डियक पेन (Cardiac Pain) का पता लगाना मुश्किल हो जाता है.
- हर्पिस (Herpes) की वजह से नसों में होने वाली सूजन के कारण .
- पेट की समस्या-पेट के कई तरह के बीमारियों के कारण.
- एसिडिटी (Acidity) और एसिड रिफ्लक्स की वजह से कई बार दर्द और बेचैनी हो सकती है.
- कई बार भोजन नली में ऐंठन या पेप्टिक अल्सर (जख्म) की वजह से भी दर्द हो सकता है.
- जब पित्त की थैली में गैस बनती है और ये गैस छाती के तरफ जाती है तो दर्द होने लगता है.
हार्ट अटैक और हार्ट बर्न में क्या अंतर है (Difference between of Heart attack and Heart burn)
हार्ट बर्न या एसिडीटी का सम्बन्ध हृदय से नहीं होता बल्कि यह समस्या पेट में बनने वाले एसिड की वजह से पैदा होती है. सीने में या गले में जलन और खट्टी डकार आना, उल्टी का मन करना, पेट भारी-भारी लगना, यह सब हार्ट बर्न के लक्षण है. यदि एक ही बार में जरूरत से ज्यादा भोजन करते है तो पेट और इसोफिजेस के बीच में एक वाल्व बन जाता है.
हार्ट बर्न होने पर आमतौर पर सीने में जलन और दर्द तो महसूस होता है मगर इसके साथ ही आपको अपने आहार नली में भी जलन महसूस होती है साथ ही कई बार डकार आने पर खाना बाहर आने जैसा महसूस होता है.
हार्ट अटैक के कारण होने वाला दर्द कन्धे, गर्दन और बांहो तक फैल जाता है इसके साथ ही हार्ट अटैक के कारण होने वाले दर्द में आमतौर पर ठण्डा पसीना आता है और चक्कर आने और सांस लेने में परेशानी की समस्या होती है.
सीने में दर्द से बचाव कैसे करें? (How to prevent Chest pain)
सीने में दर्द से बचाव के लिए अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी होता है. इससे कुछ हद सीने में दर्द के संभावना को कम कर सकते हैं. सीने में दर्द का कारण अस्वस्थ खान-पान मूल रूप से होता है. खान-पान में सुधार के साथ हमें नियमित रुप से व्यायाम भी करना चाहिए. और अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें.
खानपान में बदलाव
- आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाए और कैलोरी की मात्रा को कम करें।
- खाने में नमक की मात्रा को कम करें और अगर हो सके तो बिलकुल छोड़ दें।
- धूमपान हृदय संबंधी बीमारी को बढ़ाता है अत: इसका सेवन न करें।
- एक ग्लास अनार का जूस पियें।
सीने के दर्द के घरेलू उपाय (Home remedies for Chest pain)
आम तौर पर लोग सीने में दर्द होने पर सबसे पहले घरेलू उपाय ही आजमाते हैं, जो आसानी से घर में मिल जायें।
लहसुन से सीने के दर्द से मिलती है राहत (Garlic helps to relieve from Chest pain)
लहसुन सीने के दर्द के लिए बहुत उपयोगी है। एक अध्ययन के मुताबित रोजाना लहसुन खाने से हृदय रोग होने की संभावना कम हो जाती है और उसका इलाज करने में मदद मिलती है। ये कोलेस्ट्रोल (Cholesterole) को कम करता है और प्लाक के धमनियों तक पहुँचने से रोकता है। इसकी मदद से रक्त प्रवाह में भी सुधार आता है। रोजाना 1 चम्मच लहसून का रस गर्म पानी में डालकर सेवन करें। नहीं तो एक लहसून एवं 2 लौंग रोजाना चबाकर सेवन करें।
अदरक दिल के बीमारी में फायदेमंद (Ginger help to get relief from Chest pain)
अदरक भी हृदय रोगों में उपयोगी होता है। अदरक में जिंजरोल नामक रासायनिक यौगिक होता है जो कोलेस्ट्राल (Cholesterole) के स्तर को कम करता है। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट (Anti–Oxident) के गुण भी होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को खराब होने से बचाते है। इसके लिए आप रोजाना अदरक का सेवन इस प्रकार कर सकते हैं-
- -अदरक की चाय का रोजाना सेवन करे।
- -अदरक को पानी में उबाले और उस पानी का रोजाना सेवन करें।
- -रोजाना कच्चे अदरक का सेवन करें।
हल्दी सीने का दर्द कम करने में लाभकारी (Turmeric help to heal Chest pain)
हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) प्रचूर मात्रा में मौजूद होता है। जो विशेष रुप से थक्का बनाने और धमनी प्लाक का कम करने में मदद करता है। करक्यूमिन (Curcumin) सीने की सूजन को भी कम करता है। इससे सीने में दर्द होने पर जल्दी आराम मिलता है। रोजाना हल्दी गर्म दूध में मिलाकर पिये इससे सीने के दर्द में आराम मिलता है।
अनार का जूस दिल के लिए फायदेमंद (Pomegranate juice beneficial for Chest pain)
कई अध्ययनों के अनुसार अनार हृदय समस्याओं को दूर करने में बहुत उपयोगी होता है। यह तनाव को कम कर धमनियों की दिवारों में होने वाले नुकसान और ऑक्सीकरण को रोकने में मदद करता है। स्ट्रोक और परिधीय रोग के कारण धमनियाँ संकरी हो जाती है। अनार का जूस उन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। अनार के जूस के नियमित सेवन से इसमें मौजूद प्रभारी एन्टीऑक्सीडेंट (Anti–Oxident) और एंटी इफ्लेमेंटरी (Anti–inflammatory) गुण सीने में दर्द को रोकने में मदद करता हैं।
एलोवेरा से सीने के दर्द से मिले आराम (Aloe Vera helps to ease Chest pain)
यह एक चमत्कारी पौधा है, इसमें कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते है, इसमें मौजूद गुण हृदय को मजबूत करने, अच्छे कोलेस्ट्रॉल (Cholesterole) को नियंत्रित करने, ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) के स्तर को कम करने और रक्तचाप को कम करने में मदद करता है और सभी कारक सीने में दर्द में राहत पहुँचाने में मदद करते हैं। रोजाना1/4 कप जूस गर्म पानी के साथ सेवन करें।
बादाम से कोलेस्ट्रॉल होता है कम (Peanut help to ease Chest Pain)
बादाम पॉली नैचुरल फैटी एसिड (Poly Natural Fatty Acid) से समृद्ध होता है साथ में इसमें मैग्नीशियम भी होता है। ये कोलेस्ट्राल को कम करता है और सीने में दर्द होने के खतरे को कम करता है। सीने में दर्द होने पर बादाम का तेल और गुलाब का तेल एक साथ बराबर मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण को सीने में धीरे-धीरे लगाए। इसके अलावा रोजाना एक मुट्ठीभर बादाम का सेवन करें।
तुलसी सीने के दर्द से दिलाये राहत (Tulsi help to get relief from Chest pain)
तुलसी के पत्ते में विटामिन के और मैग्नीशियम पाया जाता है। मैग्नीशियम हृदय में रक्त प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterole) के निर्माण को रोकता है। यह हृदय विकारों के साथ सीने दर्द के इलाज में मदद करता है। एक चम्मच तुलसी के रस को शहद के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। या 8-10 पत्ते तुलसी के खाने से भी सीने के दर्द में आराम मिलता है।
सीने में दर्द के कई कारण होते हैं, जैसे कि- मांसपेशियों में दर्द, हड्डी में दर्द, एसिड-रिफ्लक्स, एनजाइना, दिल का दौरा आदि. इनमें से कुछ समस्याएं मामूली हैं तो कुछ गंभीर. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि ज़्यादातर मरीजों को सीने में उठने वाले दर्द का कारण पता ही नहीं चलता. कुछ दर्द ऐसे होते हैं जो सीने में सुई की तरह चुभते हैं तो कुछ मंद-मंद होते हैं. ऐसे में इन्हें नज़रंदाज़ करना गलत है.
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