महाराष्ट्र में फटा ‘लेटर बम’, मुश्किल में उद्धव सरकार

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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के विस्फोटक लेटर के बाद महाराष्ट्र की राजनीति भूचाल आ गया है. गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे सनसनीखेज आरोपों के बाद उद्धव सरकार मुश्किल में है.

क्या महाराष्ट्र में उद्धव सरकार मुश्किल में घिर गई है? और क्या गृह मंत्री अनिल देशमुख को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ेगी? यह सवाल इसलिए खड़े हो गए हैं क्योंकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लेटर बम फटा है. परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को हर महीने सौ करोड़ रुपए की उगाही का टार्गेट दिया था.

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर संकट के बादल

70 साल के अनिल देशमुख महाराष्ट्र की राजनीति के ऐसे चुनिंदा नेताओं में से हैं जिन्होंने हर पार्टी की सरकार में अपनी जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है. देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनी पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के पाँच साल के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो देशमुख 1995 के बाद से लगातार मंत्री रहे हैं. उद्धव सरकार में भी उन्हें महाराष्ट्र के गृहमंत्री की कमान मिली. लेकिन अब अनिल देशमुख महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के लिए मुसीबत बनते हुए दिखाई दे रहे हैं.

अनिल देशमुख महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से आते हैं

अनिल देशमुख महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से आते हैं. वो नागपुर ज़िले के कटोल के पास वाडविहिरा गाँव के हैं. उन्होंने साल 1995 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर विधायकी का चुनाव लड़ा और जीता. तब उन्होंने शिवसेना बीजेपी सरकार का समर्थन किया और बदले में मंत्रीपद लिया. बाद में अपना रास्ता अलग कर वो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ हो लिए. अनिल देशमुख राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार के क़रीबी माने जाते हैं. लेकिन मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के क़रीब मिली विस्फोटकों से भरी कार की जांच के विवाद में अब गृहमंत्री अनिल देशमुख भी फंस गए हैं. विपक्ष ने सदन में इस मुद्दे पर हंगामा करते हुए बार-बार गृह मंत्री पर निशाना साधा है.

महाराष्ट्र में लेटर बम से आया बंवडर

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम लिखी गई मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी को लेकर राज्य की राजनीति एक नए बवंडर की तरफ़ बढ़ती हुई दिख रही है. परमबीर सिंह ने इस चिट्ठी में लिखा है कि सचिन वाझे ने उन्हें बताया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उनसे हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूली करने के लिए कहा था. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस लैटर पर परमबीर सिंह के हस्ताक्षर नहीं है बल्कि इसके हेडर पर उनका नाम है और ये पत्र हेडर के नीचे लिखा है. कुछ दिनों पहले परमबीर सिंह को मुंबई के पुलिस कमिश्नर के पद से हटा कर होमगार्ड में ट्रांसफर कर दिया गया था.

महाराष्ट्र में चल रहा यह पूरा घटनाक्रम क्या उद्धव सरकार के क्या मुसीबत बनेगा क्योंकि आठ पेज लंबी इसी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं और चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं. परमबीर सिंह के आरोपों पर विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, “इस मामले में डीजी स्तर के एक पुलिस अधिकारी ने गृह मंत्री के ख़िलाफ़ इस तरह के आरोप लगाए हैं. इस पत्र के साथ व्हॉट्सऐप और एसएमएस चैट के साक्ष्य भी दिए गए हैं. इसलिए ये मामला गंभीर है.”

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