पेट्रोल और डीजल कब सस्ता होगा इसका जवाब पूरा देश जानना चाहता है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इसके बारे में कुछ भी नहीं पता.
पेट्रोल और डीजल आम आदमी की जेब पर बहुत भारी पड़ रहा है. देश के कुछ शहरों में तेल की कीमत है 100 के पार हो गई हैं लेकिन मोदी सरकार कुछ भी करने में असमर्थता जता रही है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष और आम आदमी के आक्रोश के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो टूक कहा है कि तेल की कीमतें कैसे कम होंगी इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. दैनिक हिंदुस्तान में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि तेल की क़ीमतें कब कम होंगी, इसका जवाब उन्हें ख़ुद नहीं पता है और यह एक धर्म संकट है.
पेट्रोल और डीजल की कीमत कैसे कम करें पता नहीं
पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमत 100 रुपए प्रति लीटर के क़रीब पहुँच गई है और इसके ख़िलाफ़ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. लोग यही पूछ रहे हैं कि तेल की क़ीमतें कब कम होंगी. अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री से पूछा गया कि तेल की क़ीमतों को सरकार कब कम करेगी तो उन्होंने कहा कि वह नहीं बता पाएंगी कि कब…यह एक धर्म संकट है. इस अवसर पर वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल और डीज़ल पर करों को कम करने के लिए आपस में बात करनी चाहिए.
पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर पेट्रोलियम मंत्री ने क्या कहा?
इससे पहले देश के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर एक बहुत ही दिलचस्प बात कही. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि तेल उत्पादक देशों द्वारा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण देश में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स महंगे हो रहे हैं. अपने देश के हित में अधिक लाभ कमाने के लिए, कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले देश कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले देशों से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी न करने का अनुरोध किया गया है क्योंकि इसका प्रभाव सीधे उपभोक्ता पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि उनको अपने देश के हित में बढ़ोतरी कर रहे हैं.
बता दें कि धर्मेंद्र प्रधान ने कुछ दिन पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए जीएसटी काउंसिल को एक सुझाव दिया था. उन्होंने कहा था कि उनका मंत्रालय जीएसटी काउंसिल से पेट्रोलियम उत्पादों को अपने दायरे में शामिल करने का लगातार अनुरोध कर रहा है, क्योंकि इससे लोगों को फायदा होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दे चुकी हैं. पेट्रोलियम मंत्री के सुझावों पर अगर जीएसटी परिषद अमल करती है तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आधी हो जाएगी.
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