जैसे-जैसे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं राज्य में सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कृष्ण तो भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह श्री राम के सहारे चुनावी वैतरणी को पार करने की जुगत में हैं.
भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जय श्री राम का नारा लगाकर ममता बनर्जी को परास्त करने की प्लानिंग कर रही है. पश्चिम बंगाल चुनाव में ‘राम’ नाम की ना सिर्फ़ एंट्री हो चुकी है, बल्कि अब इसे एक मुद्दे के तौर पर पेश किया जा रहा है. हालाँकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अभी कुछ महीने दूर हैं, लेकिन बीजेपी की चुनावी रैलियों में ‘जय श्रीराम’ नारे हर दिन सुनने को मिल रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस मैं भी राम के बरक्स कृष्ण को खड़ा कर दिया है. चुनाव से पहले तृणमूल ने नारा दिया है, ‘हरे कृष्णा हरे हरे, तृणमूल घोरे घोरे’. इस बारे के विधानसभा चुनाव में बीजेपी अगर ‘राम’ नाम के सहारे है, तो तृणमूल कांग्रेस ‘कृष्ण’ के नाम के सहारे चल रही है.
अमित शाह खुद लगवा रहे जय श्रीराम के नारे
गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे. उन्होंने वहाँ जनता को रैली में संबोधित करते हुए कहा, “बंगाल के अंदर माहौल ऐसा कर दिया गया है कि ‘जय श्रीराम’ बोलना गुनाह है. अरे! ममता दीदी, बंगाल में जय श्रीराम नहीं बोला जाएगा, तो क्या पाकिस्तान में बोला जाएगा?” इसके बाद उन्होंने रैली में मौजूद लोगों से ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाए और ख़ुद भी लगाए. ये पहला मौक़ा नहीं है, जब बीजेपी ‘जय श्रीराम’ के नारे के सहारे तृणमूल कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है. भारतीय जनता पार्टी का पूरा चुनावी कैंपेन राम और हिंदुत्व के सहारे ही चल रहा है. और ममता बनर्जी इससे परेशान हैं.
राम के नाम पर जब बिफर गई ममता
पिछले महीने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 जयंती के मौक़े पर आयोजित भारत सरकार के कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इस नारे से इतना नाराज़ हो गई कि उन्होंने अपना भाषण ही नहीं दिया. पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी अपनी जमीन तलाशने के लिए हर तरह के पैंतरे अपना रही है. आपको याद होगा 2018 में रामनवमी के मौक़े पर पश्चिम बंगाल के आसनसोल, रानीगंज, पुरुलिया, 24 परगना में हिंसा फैली थी, जिसने सांप्रदायिक रंग ले लिया था. इसमें कई लोगों की जान भी गई थी. और इसके लिए ममता बनर्जी ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया था. 2019 में ममता बनर्जी तृणमूल के एक धरना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्तर 24-परगना ज़िले के नैहाटी जा रही थीं, उस समय भी उनके काफ़िले के गुज़रते समय जय श्रीराम का नारा लगाया गया था. जिसके बाद वो काफ़ी ग़ुस्से में आ गई थी. उससे पहले पूर्वी मिदनापुर में भी ऐसा ही वाक़या सामने आया था.
दूसरी तरफ बीजेपी पश्चिम बंगाल के चुनावों में राम के नाम के इस्तेमाल को लेकर अपनी सफाई में कहती है कि उनके आराध्य हैं. बीजेपी ममता की जय श्रीराम के नारे से नाराज़गी को अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण की राजनीति से जोड़ रही है. ममता बनर्जी की सरकार पर इससे पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं. चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल का माहौल राम और कृष्ण के नाम के साथ तनावपूर्ण होता जा रहा है. इंतजार किस बात का है कि कौन से भगवान ज्यादा ताकतवर साबित होते हैं.
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