69,000 शिक्षक भर्ती: इनसे क्या खता हुई सरकार ?
लखनऊ के SCERT भवन के सामने धरना देने के लिये बैठे हजारों अभ्यर्थियों ने सरकार से चयन सूची, और अभ्यर्थियों की श्रेणी और गुणांक को सार्वजनिक करने की मांग की.
69, 000 शिक्षक भर्ती का सरकार का तोहफा क्या वाक़ई उन अभ्यर्थियों को मिला जो इसके हक़दार थे, अगर ये सवाल अभ्यर्थियों से पूछा जाये तो इसका जवाब आयेगा “नहीं”
अब ये ‘नहीं’ क्यूं है यही हम आपको अब समझायेंगे, अभ्यर्थियों का कहना है कि “सरकार द्वारा भर्ती को पारदर्शी तरीके से नहीं किया गया है, अभ्यार्थियों की श्रेणी और गुणांक को छिपाया गया है”, अभ्यर्थियों का ये भी कहना है कि “सरकार ने ऐसे में एक विशेष वर्ग को लाभ पहुंचाने का काम किया है”, सरकार पर ये भी आरोप अभ्यर्थियों ने लगाया कि उनकी श्रेणी का आरक्षण पूर्ण रूप से नहीं दिया गया है ।
इसको अब सरल शब्दों में समझते हैं
34,500 सीटें अनआरक्षित श्रेणी की थी, जिसमें प्रत्येक श्रेणी का अभ्यर्थी जो अच्छे अंक पाता है उसे शामिल किया जाता है, इन अनआरक्षित सीटों कि पूर्ती के बाद नम्बर आता है आरक्षित वर्ग की बची हुई सीटों का जिसमें आरक्षित वर्ग के ही अभ्यर्थियों का चयन होता है.
अब समझिये खेल कहां हुआ है?
अभ्यर्थियों के मुताबिक बची हुई आरक्षीत सीटों में ही अनारक्षीत वर्ग के OBC , SC और ST श्रेणी के अभ्यर्थियों को शामिल कर दिया गया,
“यही खेल है”
यानी आरक्षित वर्ग के जिन मेधावी अभ्यर्थियों को अनारक्षीत वर्ग में शामिल करना था उन्हें आरक्षित वर्ग में ही रहने दिया गया, जिससे आरक्षित वर्ग में शामिल होने की उम्मीद लगाये अभ्यर्थियों को भारी झटका लगा और अब यही अभ्यर्थी सभी की श्रेणी और गुणांक सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब सरकार इनकी आवाज को सुनती है या नहीं इसका जवाब तो आने वाला वक़्त ही देगा.
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शिवम यादव, स्वतंत्र पत्रकार ( यह लेखक के निजी विचार हैं)
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