किसान-सरकार के बीच 5वीं बैठक भी बेनतीजा, अब आगे क्या?
‘हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक मोदी सरकार किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती. सरकार बातचीत तो कर रही है लेकिन वह किसानों की मांग मानने के लिए तैयार नहीं है’
किसान आंदोलन में शामिल परमवीर सिंह आक्रोशित होकर यह बात कहते हैं और साथ में यह भी कहते हैं कि अगर किसान की बात नहीं सुनी गई तो यहां से मर कर ही वापस लौटेंगे. दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर डटे हजारों किसान अब पीछे हटने को तैयार नहीं है. किसान और सरकार के बीच हुई पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा ही खत्म हो गई है. और अब अखिलेश चरण की बातचीत 9 दिसंबर को होगी. विज्ञान भवन में किसानों के साथ हुई इस बैठक में सरकार ने वही पुरानी बातें दोहराई जो पिछली चार बैठकों में सरकार करती आई है.
किसान नेताओं का ‘साइलेंट प्रोटेस्ट’
विज्ञान भवन से बाहर निकले किसान नेताओं के मुताबिक, केंद्र सरकार का कहना है कि वो उन्हें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेगी. उस प्रस्ताव पर किसानों के बीच चर्चा के बाद उसी दिन बैठक में हिस्सा लिया जाएगा. इस बैठक में हिस्सा लेने वाले एक किसान नेता ने बताया ”सरकार की तरफ से पुरानी बातें दोहराई जा रही हैं, अब हमारी तरफ से कोई बातचीत नहीं होगी और इस तरह किसान बैठक में ‘साइलेंट प्रोटेस्ट’ कर रहे हैं.” पांचवें दौर की बातचीत तक सरकार कृषि कानूनों में संशोधन करने को तो तैयार है लेकिन इनको वापस लेने के मूड में दिखाई नहीं दे रही है. उधर किसान इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.
लगातार बढ़ रही है आंदोलनकारियों के भीड़
बीते 9 दिन से हरियाणा, पंजाब और अन्य प्रदेशों के किसान दिल्ली के बॉर्डर इलाक़ों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. हर गुजरता हुआ दिन किसान आंदोलन में और ताकत ला रहा है. हरियाणा-दिल्ली के बीच सिंघू बॉर्डर पर जानेमाने सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ ने प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए कहा है कि किसानों ने नया इतिहास रच दिया है. वहां उनके साथ कुछ अन्य पंजाबी सिंगर्स ने किसानों की मांगों के साथ समर्थन जताते हुए गीत गाए. किसान विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने के लिए और किसान दिल्ली की तरफ़ आ रहे हैं.
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