पीएम मोदी के स्वच्छता मिशन में भयंकर भ्रष्टाचार, 40 दिन का सत्याग्रह फिर भी ग्रामीण लाचार
‘एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा की बात करती है. लेकिन दूसरी तरफ पीएम मोदी ने स्वच्छता मिशन के तहत जो शौचालय बनवाए हैं उनका फायदा महिलाओं को नहीं मिल रहा. क्योंकि यह शौचालय जमीन पर बने ही नहीं है.’
भारतीय किसान यूनियन भानू के मंडल महासचिव केके मिश्रा ने आक्रोशित होकर प्रयागराज के प्रशासन को चेताया है कि अगर प्रयागराज के पिपरहट्टा गांव में 40 दिन से चल रहे सत्याग्रह संज्ञान अधिकारियों ने नहीं लिया तो यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा. आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन भानु की किसान पंचायत के बाद ब्लॉक अधिकारियों द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्राम निधि पिपरहट्टा का स्टेटमेंट और लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराया गई थी. जिसके मिलान करने से पता चला कि गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ी स्वच्छता के साथ भ्रष्टाचार हुआ है. जिसके कारण गांव की लड़कियां और महिलाएं खुले में शौच करने को मजबूर हैं.
40 दिन के सत्याग्रह के बाद भी किसी ने नहीं ली सुध
भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह कर रहे आंदोलनकारियों का कहना है कि ब्लाक अधिकारियों की ओर से कुल 554 लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराई गई है तथा यह भी स्पष्ट बताया गया है कि 554 लाभार्थियों के लिए शौचालय का निर्माण कराया गया है. 554 शौचालय में 167 शौचालय के पैसे लाभार्थियों के खाते में डाले गए हैं और शेष 387 लाभार्थियों के शौचालय का निर्माण ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान द्वारा कराया गया है. लेकिन जब जमीन पर उतर कर आप ब्लॉक की तरफ से मुहैया कराए गए आंकड़ों की पड़ताल करते हैं तो तस्वीर कुछ अलग दिखाई देती है. यदि गांव का निरीक्षण किया जाए तो करीब 100 शौचालय तो अपूर्ण मिलेंगे इसमें किसी में सीट नहीं है, गड्ढा नहीं है, छत नहीं है.
50% भी नहीं हुआ शौचालय निर्माण का काम
करीब 50 लाभार्थियों के शौचालय पूर्ण है. शेष 400 शौचालय धरातल पर ही नहीं है और गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. आंदोलनकारियों का कहना है कि शौचालय निर्माण में जब इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है तो फिर जिला प्रशासन ने गांव को ओडीएफ कैसे घोषित कर दिया. लोगों का यह भी कहना है की गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों की जांच करा दी जाएगी तो अधिकारी भी लपेटे में आ जाएंगे. और यही कारण है जिसकी वजह से अधिकारी जांच नहीं कर रहे हैं.
ओडीएफ के नाम पर ग्रामीणों को ठगा गया
बैंक स्टेटमेंट और सूची का मिलान करने के बाद भारतीय किसान यूनियन भानु निर्णय लिया है कि आंदोलन अब भारतीय किसान यूनियन भानू के बैनर तले किया जाएगा. धरने के 40वें दिन भारतीय किसान यूनियन भानू के मंडल महासचिव केके मिश्रा ने इसकी कमान संभाली और कहा कि एक तरफ सरकार महिलाओं की सुरक्षा की बात करती है और दूसरी तरफ महिलाओं की सुरक्षा के लिए जो योजनाएं बनाई जाती हैं उसमें ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार की बू आती है. भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह कर रहे आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक दोषियों के ऊपर कार्यवाही नहीं की जाती, जब तक प्रयागराज प्रशासन इस मामले का संज्ञान नहीं लेता यह आंदोलन यूं ही चलता रहेगा.
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रिपोर्ट: अंकित तिवारी, प्रयागराज
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