#TheCandidates: ‘मेरे पिता MLA ना होते तब भी मैं पब्लिक की सेवा करता’
महज़ 16 साल की उम्र में राजनीति का कहकहरा सीख रहे अशुतोष पांडे के पिता भारतीय जनता पार्टी से श्रावस्ती के विधायक हैं. आशुतोष खुद लखनऊ में पढ़ाई करते हैं लेकिन अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र में जन संवाद का कोई भी मौका वो नहीं छोड़ते.
आशुतोष कहते हैं कि वो जनसेवा इसलिए नहीं करते कि उनके पिता विधायक हैं बल्कि इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा करना करना अच्छा लगता है. वो कहते हैं कि अगर पिता विधायक न भी होते तो भी वो लोगों के बीच जाकर उनके दुख दर्द में शामिल होते. आशुतोष कहते हैं कि
‘पब्लिक के बीच जाने का अलग ही सैडिस्फैक्शन होता है. मैं एक विधायक का बेटा न होकर एक जनसेवक कहलाना ज्यादा पसंद करूंगा, मैं पब्लिक के लिए सबकुछ करूंगा’
वो बताते हैं कि जब मैं 14 वर्ष का था तभी से मैं राजनीति को समझने की कोशिश कर रहा हूं. 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान जब मेरे पिता चुनाव जीते तभी मैंने भी राजनीति में अपना भविष्य तलाशने की कोशिशें शुरु कीं. मैं तभी सोचा था कि मैं लोगों के दुख दर्द को ऊपर तक पहुंचाकर उसे दूर करने का काम करूंगा. आशुतोष कहते हैं कि पैसा तो सबसे पास होता है लेकिन पब्लिक के दुख का सब नहीं समझ सकते.
मेरे विधाससभा क्षेत्र में पांच लाख की आबादी है. मैं कोशिश करता हूं कि मैं सभी से मिलूं. मैं सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों से जुड़ता हूं. मैं कोशिश करता हूं कि मैं अपने पिता के माध्यम से लोगों की समस्याओं को ज्यादा ज्यादा कम कर सकूं. कोरोना वायरस के समय में आशुतोष अपने क्षेत्र में लोगों की मदद करने में लगे हैं. वो बताते हैं कि वैसे तो हमारे श्रावस्ती में कोरोना के मामले कम हैं. लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए.
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आशुतोष को लगता है कि जिले से जो लोग बाहर रोजगार के लिए जाते हैं अगर उन्हें जिले में ही नौकरी मिले तो अच्छा होगा. वो कहते हैं कि उनके पिता ये कोशिश कर रहे हैं कि श्रावस्ती में कोई इंडस्ट्री लगवाई जाए जिससे रोजगार की संभावना बन सके. हम लोग हर पंचायत के हर बूथ पर दस परिवारों को चयनित करके लोगों तक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. हम गरीबों को लंच पैकेट, मास्क और सैनिटाइजर बंटवाने का काम भी कर रहे हैं. आशुतोष ने बताया कि हम लोगों से अपील कर रहे हैं आप घर पर रहें और कोई समस्या है तो हमसे फोन से संपर्क करें. हम आपके लिए 24 घंटे उपलब्ध हैं.
आशुतोष आखिरी में कहते हैं कि वो हर हफ्ते क्षेत्र के लोगों से मिलते हैं और कोशिश करते हैं कि लोगों की समस्या ज्यादा से ज्यादा उनके पिता तक पहुंचें. उन्हें लोगों के सुझाव भी मिलते हैं और लोगों से संवाद करके वो समस्या के हल तलाशने की कोशिश करते हैं. आशुतोष की उम्र अभी कम है लेकिन वो बताते हैं कि उनकी कोशिश रहती है कि श्रावस्ती विधानसभा में कोई दुखी न रहे.
ये रिपोर्ट #TheCandidates सिरीज़ का हिस्सा है. #TheCandidates की रिपोर्ट के ज़रिए हमारी कोशिश उन युवाओं के जीवन में झांकने की है जिन्होंने समाज की सेवा करने के लिए राजनीति करने का फैसला किया, जब राजनीति चंद नेताओं की चकाचौंध में सिमट गई है तब क्या कर रहे हैं जमीन पर काम करने वाले नेता.
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