कोरोना महामारी से अकाल आ सकते हैं: UN

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दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 2 लाख 63 हज़ार से ज़्यादा हो गई है, 37 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हैं. भारत में भी कोरोना वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या 52,952 हो गई है और अब तक इसकी चपेट में आने से 1783 लोगों की जान जा चुकी है.

दुनिया भर में कोरोना वायरस ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि कोरोना महामारी से बहुत सारे अकाल आ सकते हैं. संस्था ने इसके साथ ही 6.7 अरब डॉलर की अपील भी जारी की है ताकि दुनिया के कमज़ोर देशों की मदद की जा सके. इसके साथ ही एक सूची भी जारी की है जिसमें बताया गया है कि कौन से देश प्रभावित होंगे.

50 से ज़्यादा देशों की इस लिस्ट में नौ नए देशों को शामिल किया गया है – बेनिन, जिबूती, लाइबेरिया, मोज़ांबिक, पाकिस्तान, फ़िलीपींस, सियरा लियोन, टोगो और ज़िम्बाब्वे. लेकिन ऐसा क्यों है कि ग़रीब देशों को ही महामारी से ज़्यादा ख़तरा है?

इसके तीन कारण हैं:

  • वस्तुओं की कीमतें – इनमें कई देश सामानों का निर्यात करते हैं, ऐसे में, उदाहरण के लिए, तेल की कीमतें गिरने से तेल पर निर्भर देशों की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है.
  • निवेशकों का पलायन – विकासशील देशों से विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल सकते हैं, और आगे अपने निवेश में कटौती कर सकते हैं.
  • विदेशी कर्ज़ – कई देशों पर अमीर देशों का भारी कर्ज़ है जो उन्हें डॉलर या यूरो में चुकाने हैं. ऐसे में अगर उनकी अपनी मुद्रा की कीमत गिरती है, तो उनके लिए ये कर्ज़ और महंगा बन जाएगा.

उधर, बैंक ऑफ़ इंग्लैण्ड ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस महामारी ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को अब तक की सबसे गहरी मंदी की ओर धकेल देगी. बैंक ने कहा है कि अगर जून में लॉकडाउन पूरी तरह से ख़त्म किया गया, तो अर्थव्यवस्था इस साल क़रीब 14% सिकुड़ जाएगी. महामारी के आर्थिक प्रभाव को स्पष्ट करने के लिए बैंक ने कुछ संभावनाएं सामने रखी हैं जिनके अनुसार कोविड-19 की वजह से ब्रिटेन में नौकरियाँ और आय नाटकीय रूप से कम हो रही है. अमरीका में भी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमरीका को फिर से खोलने और अर्थव्यवस्था को शुरू करने से जुड़ी योजनाओं के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

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