कोरोना काल: शराब नहीं संजीवनी
लॉकडाउन 3.0 में शराब बेचना सरकार की मज़बूरी है. क्योंकि शराब और पेट्रोल ये दो ऐसे उत्पाद हैं जिन पर राज्य सरकारें अपनी ज़रूरत के हिसाब से टैक्स लगाकर सबसे ज़्यादा राजस्व वसूलती हैं.
कोरोना काल: सबसे पहले आपको कुछ आंकड़े देखने होंगे जैसे साल 2018-19 में उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री से 23,918 करोड़ रुपए का टैक्स वसूला था. इस समय उत्तर प्रदेश में ही शराब की 18 हज़ार से अधिक दुकानें हैं. राजस्व बढ़ाने के लिए यूपी सरकार ने जनवरी 2018 में नई आबकारी नीति भी लागू की थी. इसका उद्देश्य शराब बिक्री क्षेत्र में एकाधिकार तोड़ना भी था. इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि जिन राज्यों में शराब बिकती हैं वहां सरकार के कुल राजस्व का पंद्रह से पच्चीस फ़ीसदी हिस्सा शराब से ही आता है. यही वजह है कि लॉकडाउन के बावजूद राज्य सरकारों ने शराब बेचने में जल्दबाज़ी दिखाई है. यूपी, कर्नाटक और उत्तराखंड अपने कुल राजस्व का बीस फ़ीसदी से अधिक सिर्फ़ शराब की बिक्री से हासिल करते हैं.
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इतना ही नहीं केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में सरकार कुल राजस्व का दस फ़ीसदी से कम शराब बिक्री से हासिल करती है क्योंकि यहां शराब पर टैक्स दूसरे प्रांतों के मुक़ाबले कम है. यहां ये भी जानना ज़रूरी है कि शराब को जीएसटी से बाहर रखा गया है. यानी राज्य अपने हिसाब से कर निर्धारित करते हैं. गुजरात और बिहार में शराब की बिक्री पर रोक है और इन राज्यों में सरकार को शराब से कोई राजस्व हासिल नहीं होता. गुजरात, बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर देश के सोलह बड़े राज्यों ने वित्त वर्ष 2020-21 के अपने बजट अनुमान में बताया था कि वो शराब की बिक्री से कुल मिलाकर 1.65 लाख करोड़ रुपए राजस्व हासिल करना चाहते हैं.
भारत में बनने वाली 900 रुपए से कम क़ीमत की विदेशी शराब (आईएमएफ़एल) पर कर पच्चीस फ़ीसदी से बढ़ाकर पैंतीस फ़ीसदी कर दिया गया था वहीं 900 रुपए से अधिक क़ीमत वाली बोतल पर कर पैंतीस फ़ीसदी से बढ़ाकर पैंतालीस फ़ीसदी कर दिया गया था. राजस्थान में बीयर पर टैक्स भी पैंतीस फ़ीसदी से बढ़ाकर पैंतालीस फ़ीसदी कर दिया गया था. यानी कि यदि कोई सौ रुपए की बीयर ख़रीदता है तो वो पैंतालीस रुपए इस पर सरकार को कर देता है. देश की राजधानी दिल्ली में भी शराब सत्तर फीसदी महंगी हो गई है. उधर हरियाणा में प्रति बोतल 2 से 20 रुपये तक कोरोना सेस लगाने का निर्णय लिया है. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को पत्रकारों से कहा था कि सरकार दो रुपए से बीस रुपए प्रति बोतल तक कोविड-19 सेस लगाएगी.
माना जा रहा है कि राज्य सरकारों को हो रहे राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए ही लॉकडाउन के बावजूद शराब की दुकानें खोली गई हैं.