सरकार ने कहा पूर्वोत्तर में CAB के विरोध से जुड़ी खबरें न दिखाई जाएं
असम और पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में CAB यानी नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर विरोध चरम पर है. इस विरोध के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि वो खबरें जिससे राष्ट्र विरोधी नजरिए शामिल हो उन्हें दिखाया न जाए.
एक तरफ पूर्वोत्तर में उबाल है और दूसरी तरफ सरकार ने चैनलों से कहा – राष्ट्र विरोधी नजरिये को उकसाती सामग्री न दिखाएं. असम और बाकी पूर्वोत्तर के लोग यह कहकर नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) का विरोध कर रहे हैं कि इसके बाद वहां बांग्लादेशी शरणार्थियों की बाढ़ आ जाएगी. CAB अब कानून बन चुका और इसको लेकर जमकर विरोध हो रहा है. हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के बाद असम के गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है. राज्य के 10 जिलों में 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बुधवार को हजारों लोग सड़क पर उतर आए. कई जगहों पर उनकी सुरक्षा बलों से झड़पें हुईं. गुवाहाटी एयरपोर्ट के बाहर चल रहे उग्र प्रदर्शन के कारण मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल घंटों तक फंसे रहे. असम ही नहीं त्रिपुरा में भी इस बिल को लेकर जमकर विरोध हो रहा है. हालात से निपटने के लिए वहां सेना भेजी गई है. कांग्रेस ने आज राज्य में बंद का आह्वान किया है.
टीवी चैनलों के लिए जारी हुई एडवाइजरी
विरोध प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार ने प्राइवेट टीवी चैनलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में कहा है कि चैनल ऐसी सामग्री न दिखाएं जो हिंसा भड़का सकती हो या जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का खतरा हो या फिर जो राष्ट्र विरोधी नजरिये को बढ़ावा देती हो. टीवी चैनलों से साफ कहा गया है कि पूर्वोत्तर में CAB को लेकर जो विरोध हो रहा है उसको सोच समझकर दिखाएं. आपको बता दें कि लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया. राज्यसभा में इस विधेयक के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 105 वोट पड़े. मोदी सरकार CAB एतिहासिक और विपक्ष इसे भारत की आत्मा पर हमला बता रहा है.
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