टेनिस के माहिर खिलाड़ी हैं भारत के नए सीजेआई जस्टिस बोबडे

0

जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायरमेंट के बाद देश के सर्वोच्च न्यायाधीश का पदभार जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने संभाला है. जस्टिस शरद अरविंद बोबडे 18 नवंबर को डिश के 47 में मुख्य न्यायाधीश के पदभार को ग्रहण करेंगे.जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 तक चीफ जस्टिस के पद पर बने रहेंगे. नए सीजेआई टेनिस के माहिर खिलाड़ी है और मोटरसाइकिल चलाने के शौकीन हैं.

सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे कई महत्वपूर्ण फैसला देने वाली बेंच में शामिल रह चुके हैं. जस्टिस बोबडे को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि वह बेहद खुशमिजाज किस्म के आदमी हैं और बहुत मृदुभाषी हैं. कोर्ट कचहरी से जुड़े हुए कई किस्से मशहूर हैं और उनके बारे में कहा जाता है कि वह वकीलों से ज्यादा से ज्यादा सवाल करना पसंद करते हैं. वैसे तो एक न्यायाधीश का काम काफी गंभीर होता है लेकिन जस्टिस बोबडे के बारे में कहा जाता है कि उन्हें जब भी समय मिलता है वह अपनी मोटरसाइकिल पर सैर सपाटा भी करते हैं इसके अलावा उन्हें कुत्तों से खास लगाव है.

हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल है पसंद

सुप्रीम कोर्ट के उनके साथी बताते हैं की जस्टिस बोबडे को बाइक राइडिंग से बेहद लगाव है. उनकी पसंदीदा बाइक रॉयल एनफील्ड कंपनी की बुलेट है. वैसे तो उन्हें हार्ले डेविडसन बाइक ज्यादा पसंद है और एक बार टेस्ट ड्राइव करते वक्त उन को चोट भी लग गई थी. बाइक से गिरने के कारण जस्टिस बोबडे के टखने में काफी चोट आई थी. जिसकी वजह से वह काफी समय तक सुप्रीम कोर्ट में ड्यूटी पर नहीं आ सके थे. मोटरसाइकिल चलाने के अपने शौक के चलते जस्टिस बाबडे कई दिनों तक कॉलेजियम की बैठकों में भी भाग नहीं ले पाए थे.

कई अहम फैसलों में रहे शामिल

  • आधार कार्ड को लेकर महत्वपूर्ण फैसला देने वाली चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच में शामिल रहे हैं
  • इन्होंने अपने फैसले में कहा था कि आधार कार्ड के बिना कोई भी भारतीय मूल सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता.
  • चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे आरोपों पर सुनवाई कर उन्हें क्लीनचिट दी थी
  • देशभर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच में भी जस्टिस एसए बोबडे शामिल थे.
  • अयोध्या मामले की 40 दिन की मैराथन सुनवाई कर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली पांच जजों की संविधान पीठ में भी जस्टिस एसए बोबडे शामिल रहे हैं.
  • सुनवाई के दौरान हिंदू व मुस्लिम पक्षकारों से सबसे अधिक सवाल जवाब इन्होंने ही किए थे।

नागपुर में पैदा हुए जस्टिस शरद अरविंद बोबडे

24 अप्रैल 1956 को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का जन्म नागपुर में हुआ था. इन्होंने 1978 में नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की इसके बाद इन्होंने 13 सितंबर 1978 से वकील के रूप में नामांकन कराकर बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की. 1998 में इन्हें वरिष्ठ वकील की उपाधि दी गई. ये 29 मार्च 2000 को बाॅम्बे हाईकोर्ट के जज बने. इसी क्रम में 16 अक्टूबर 2012 को जस्टिस बोबडे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 12 अप्रैल 2013 को वे सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

जस्टिस बोबडे को वकालत विरासत में मिली

जस्टिस बोबडे के परदादा रामचंद्र पंत बोबडे 1880 से 1900 के बीच चंद्रपुर (तत्कालीन चांदा) में ख्यात वकील थे. बाद में उनका परिवार नागपुर आ गया. बाद की पीढ़ी में एमआर उपाख्य भैयासाहब बोबडे और श्रीनिवास बोबडे भी प्रसिद्ध वकील हुए. 1934 में एमआर बोबडे मध्य प्रांत के महाधिवक्ता भी हुए. इसके बाद वे तत्कालीन मध्य भारत प्रांत के काउंसिल के पहले अध्यक्ष भी थे. शरद बोबडे के पिता अरविंद उर्फ भाऊसाहब बोबडे भी प्रसिद्ध वकील थे. उन्होंने भी महाराष्ट्र के महाधिवक्ता का पद संभाला. उनके चाचा विनोद बोबडे सुप्रीम कोर्ट में प्रसिद्ध वकील थे. इन्हीं सब लोगों की परंपरा को जस्टिस शरद बोबडे आगे बढ़ा रहे हैं.

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *