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ऑटो इंडस्ट्री में भयंकर मंदी के पीछे क्या कारण है ?

ऑटो इंडस्ट्री की हालत और ज्यादा खराब हो गई है. देश में लगातार घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावत दर्ज की जा रही है. बीते 9 महीनों से इसमें कोई सुधार नहीं आया है. जुलाई में बिक्री 31% तक नीचे आ गई.

देश में घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट जारी है. बीते नौ महीनों से इसमें सुधार नहीं हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस में खबर छपी है कि बीते महीने यानी जुलाई में घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री में करीब 31% की गिरावट दर्ज की गई है. जहां 2018 की जुलाई में देश में दो लाख 90 हजार 931 घरेलू यात्री वाहन बिके थे वहीं 2019 की जुलाई में ये आंकड़े गिरकर दो लाख 790 तक आ गया. मंगलवार को सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के जारी हुए आंकड़ों भी बताते हैं कि घरेलू कारों की बिक्री 35.95% घटी है.

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के मुताबिक पिछले साल जुलाई में एक लाख 91 हजार 979 कारें बिकी थीं. लेकिन जुलाई 2019 में यह संख्या एक लाख 22 हजार 956 कारें ही बिक पाईं. सिर्फ कारें ही नहीं मोटरसाइकिलों की भी बिक्री घटी है. जुलाई 2018 में देश में 11 लाख 51 हजार 324 यूनिट की बिक्री हुई थी. लेकिन जुलाई 2019 में सिर्फ नौ लाख 33 हजार 996 मोटरसाइकिलें ही बिकी. यानी इसमें भी करीब 18.88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ऑटो इंडस्ट्री की हालत दिन व दिन खराब होती जा रही है.

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आपको बता दें कि पिछले करीब 9 महीनों से घरेलू यात्री वाहनों की बिक्री में कोई सुधार नहीं हो रहा है. न कारें बिक रही हैं और न ही दोपहिया वाहनो की बिक्री हो रही है. सभी तरह के दोपहिया वाहनों में की बिक्री में कुल 16.82 प्रतिशत की गिरावट आई है. वहीं व्यावसायिक वाहनों की बिक्री भी 25.71 प्रतिशत तक कम हो गई है. एक साल पहले जुलाई 2018 में जहां 76 हजार 545 व्यावसायिक वाहन बिके थे वो आंकड़ा जुलाई 2019 में घटकर 56 हजार 866  रह गया है.

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