इजरायल : मोदी की तस्वीर से चुनाव प्रचार क्यों कर रहे हैं नेतन्याहू ?
इजरायल में आम चुनाव के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया जा रहा है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के मुख्यालय के बाहर मोदी का पोस्टर लगाया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ना सिर्फ भारत में जीत का गारंटी हैं बल्कि इजरायल में भी उनके नाम पर लोग वोट मांग रहे हैं. आम चुनाव के बीच वहां प्रचार के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस्तेमाल भी सुर्खियां बटोर रहा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के मुख्यालय के बाहर लगे बैनरों में नरेंद्र मोदी की तस्वीर इस्तेमाल किया ज रहा है. इसमें इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते नजर रहे हैं.
दरअसल नेतन्याहू अपने चुनाव प्रचार में ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके वैश्विक नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते है और उन्होंने अपने प्रचार साम्रिगी में भी इसको मुख्य विषय बनाया है. इस तरह के ऐसे ही अन्य पोस्टरों में इजरायल के प्रधानमंत्री के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हैं. बेंजामिन नेतन्याहू को इजरायल की राजनीति में एक ऐसे नेता के तौर पर पेश किया जाए जिसका कोई जोड़ नहीं है. और दुनिया में जिसका कद काफी बढ़ा हो गया है.
इजरायल में हो रहे आम चुनाव में मोदी की तस्वीर की चर्चा भारत में भी हो रही है. नेतन्याहू और मोदी अच्छे दोस्त माने जाते हैं. लिहाजा दोनों देशो के रिश्तों को मजबूत करने के लिए भी दोनें नेता काम कर रहे हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री नौ सितंबर को एक दिन की यात्रा पर भारत भी आ रहे हैं जहां वे नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. उनकी यह यात्रा मध्यावधि चुनाव से ठीक आठ दिन पहले होगी. बेंजामिन नेतन्याहू की नई दिल्ली यात्रा की तस्वीरों से यह दिखाने की कोशिश होगी कि उनकी विश्व भर में स्वीकार्यता है और इससे मतदान से कुछ दिन पहले उनके प्रचार अभियान को गति भी मिलेगी.
आपको बता दें कि इजराइल में इसी साल अप्रैल में चुनाव हो चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गठबंधन सरकार गठित करने में नाकाम रहे. उनकी पार्टी ने रिकॉर्ड पांचवीं बार सबसे ज्यादा सीटें हासिल की थीं, लेकिन वे एक सैन्य विधेयक को लेकर पैदा हुए गतिरोध के कारण गठबंधन करने में नाकाम रहे. इसके बाद इजरायली सांसदों ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए संसद को भंग करने के पक्ष में मतदान किया था. अब 17 सितंबर को इजरायल में फिर से आम चुनाव होने हैं. इजराइल के इतिहास में ये पहली बार हो रहा है.