और पतली हुई कांग्रेस की हालत, तेलंगाना में 18 में 12 MLA टीआरएस में होंगे शामिल
तेलंगाना में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के 18 में से 12 विधायकों ने स्पीकर को अर्जी दी है कि वो टीआरएस में शामिल होना चाहते हैं. अधिकारियों ने बताया कि 12 विधायक कांग्रेस विधायक दल की संख्या का दो तिहाई है यानी उन पर दलबदल विरोधी कानून के प्रावधान लागू नहीं होंगे.
दक्षिण भारत में अपने वजूद के लिए लड़ रही कांग्रेस पतन की ओर बढ़ गई है. गुरुवार को तेलंगाना के 18 में से 12 विधायक पार्टी छोड़ सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल हो गए. इन विधायकों ने तेलंगाना विधानसभा स्पीकर पी.श्रीनिवास रेड्डी से मुलाकात करके विलय की अर्जी दी है. आपको बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा में 119 विधायक हैं जिसमें से बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 19 सीटें जीती थीं. लेकिन कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी ने नलगोंडा से लोकसभा में चुने जाने के बाद विधानसभा सदस्यता से पांच जून, 2019 को इस्तीफा दे दिया था और विधायकों की संख्या 18 रह गई थी.
कांग्रेस के इन विधायकों की इस मंशा के संकेत पहले ही मिल गए थे. कांग्रेस के तंदूर से विधायक रोहित रेड्डी ने नाटकीय घटनाक्रम के तहत मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे और टीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष के टी रामा राव से मुलाकात की और सत्तारूढ गठबंधन के प्रति अपनी वफादारी का संकल्प लिया था. वहीं दूसरी तरफ तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष एन. उत्तम कुमार रेड्डी का कहना है कि वो लोकलांत्रिक तरीके से लड़ेंगे. स्पीकर मिल ही नहीं रहे कि उनसे बात की जा सके. वहीं अधिकारियों का ये भी कहना है कि कांग्रेस के जो 12 विधायक टीआरएस में शामिल हो रहे हैं उनपर दलबदल कानून लागू नहीं होता क्योंकि कांग्रेस विधायक दल की संख्या का दो तिहाई है.