मोदी ने गठबंधन को बताया ‘सराब’, अखिलेश ने कहा ‘सराब’ और ‘शराब’ का फर्क समझिए
मेरठ में पीएम मोदी पूरे रंग में दिखाई दिए. उन्होंने एक एक करके सभी को निशाने पर लिया. मोदी ने SP-RLD-BSP को ‘सराब’ बताया और कांग्रेस की ‘न्याय’ योजना पर भी कराक्ष किया.
लोकसभा चुनाव 2019: जैसे जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है. नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मेरठ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन पर चुटकी ली.
उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को ‘सराब’ कहा, मोदी के हमले के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए तंज कस दिया है. अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘शराब’ और ‘सराब’ में फर्क नहीं पता है.
गठबंधन पर क्या कहा था मोदी ने ?
‘महामिलावट में भी कौन ज्यादा मिलावट करता है इसे लेकर स्पर्धा हो गई है। एक तरफ सपा-बसपा-आरएलडी है। इसे अलग तरीके से देखिए, सपा का स, आरएलडी का र और बसपा का ब मतलब ‘सराब’। अच्छी सेहत, उत्तर प्रदेश और देश के अच्छे भविष्य के लिए ‘सराब’ से बचना चाहिए कि नहीं बचना चाहिए? सपा-आरएलडी-बसपा ये सराब आपको बर्बाद कर देगी।’
अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के बयान के बाद पलटवार किया. अखिलेश यादव ने कहा,
‘आज टेली-प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला-सा सपना है जो बीजेपी पांच सालों से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं।’
मोदी के बयान के बाद कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा,
‘सपा, बसपा और आरएलडी तीनों लोकतांत्रिक राजनीतिक दल हैं। लोकतांत्रिक पार्टियों को ऐसा कहना गलत है। इस बयान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माफी मांगें।’
जैसा की उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री अपने इस रैली में ‘न्याय’ योजना का जिक्र करेंगे. उन्होंने ऐसा किया भी. मोदी ने राहुल गांधी को जमकर निशाने पर लिया.
जो लोग गरीबों का खाता 70 साल में खुलवा सके वे कहते हैं कि वे खाते में पैसा डालेंगे. कोई भरोसा करेगा.जब मैं 8-10 साल का था तो सुनाता कि सरकार गरीबी हटाने की बात कह रही है. 20 साल का था तो भी इंदिरा जी गरीबी हटाने की बात करती थीं. चार पीढ़ी बाद वो आगे बढ़ते गए और गरीब और गरीबी होता गया. गरीबों के साथ गद्दारी करने वाली कांग्रेस को अब देश कांग्रेस को हटा कर ही दम लेगा.
चुनावी दंगल में अब लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है. राजनीतिक दल अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए पूरी ताकत लगा रहे और मोदी अपने भाषणों के मैजिक से महफिल लूटने में तो माहिल हैं ही.