प्रियंका की ‘गंगा यात्रा’ कांग्रेस की किस्मत बदलेगी ?

0
priynaka gandhi

प्रियंका गांधी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने वाली है. चुनाव अभियान की शुरुआत करने के लिए उन्होंने प्रयागराज को चुना है. वही प्रयागराज जहां से उनके दादा दादी ने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी.

कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी बनाए जाने के बाद प्रियंका गांधी खामोश थीं. गांधी नगर में उन्होंने जब भाषण दिया तो ये अंदाजा लग गया कि उनका चुनावी कैंपेन किस दिशा में आगे बढ़ेगा. अब प्रियंका पूर्वी यूपी में अपना अभियान शुरु करने वाली है. प्रियंका गांधी प्रयागराज से वाराणसी के बीच गंगा नदी में जलमार्ग से ‘गंगा यात्रा’ करेंगी.

ये भी पढ़ें:

गंगा यात्रा को लेकर उत्साहित हैं कांग्रेसी

प्रियंका गांधी गंगा यात्रा के दौरान कई कार्यक्रम करेंगी और लोगों के साथ जनसंपर्क भी करने वाली है. प्रियंका गांधी की गंगा यात्रा को लेकर कांग्रेसी काफी उत्साहित हैं और उनकी इस यात्रा का सांस्कृतिक महत्व भी है. प्रयागराज हिन्दुस्तान की राजनीति में महत्वपूर्ण शहर रहा है. गंगा जमुनी तहजीब का ये शहर है. यहां संगम है और यहां से नेहरू-गांधी परिवार की विरासत जुड़ी है. प्रियंका गांधी ने राजनीति में एंट्री के बाद ये साफ कर दिया था कि वो अलग तरह की राजनीति करने वाली है और इसके सबूत उनके रोड-शो में मिले थे. प्रयागराज से जब वो गंगा यात्रा करेंगी तो इसके भी माएने हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता तो उनसे फूलपुर सीट से चुनाव लड़ने की मांग भी कर रहे हैं.

प्रियंका कर रही हैं प्रतीकों की राजनीति !

आपको बता दें कि फूलपुर से पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू लोकसभा का चुनाव लड़ा करते थे. प्रियंका गांधी की गंगा यात्रा प्रयागराज से वाराणसी तक जाएगी यानी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र तक. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि पार्टी के नेताओं में प्रियंका गांधी ही हैं जो मीडिया कवरेज और लोगों के बीच उत्सुकता जगाने में प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर दे सकती हैं. और इस गंगा यात्रा का कार्यक्रम बहुत प्लानिंग के साथ शुरु किया गया है. इसमें गंगा, प्रयागराज और वाराणसी को इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि इन तीनों का जिक्र करके बीजेपी ने यूपी जीता था.

बीजेपी वाली राजनीति करेंगी प्रियंका !

प्रियंका गांधी बीजेपी को उसी की भाषा में जवाब देना चाहती है. जिस तरह से बीजेपी सांस्कृति प्रतीकों की राजनीति करती है उसकी तरह प्रियंका भी गंगा यात्रा के जरिए एक संदेश देने की कोशिश रही हैं. कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी अपनी गंगा यात्रा में करीब 140 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी. इस दौरान वो लोगों से मुलाकात करेंगी और कई कार्यक्रमों में शामिल होंगी. वाराणसी में वो अस्सी घाट पर कार्यक्रम खत्म करेंगी और काशी विश्वनाथ मंदिर में भी दर्शनों के लिए जाएंगी.

140 किलोमीटर का सफर करेंगी प्रियंका

प्रियंका की गंगा यात्रा के दौरान 140 किलोमीटर के रास्ते में जितने भी मंदिर और मजारें पढ़ेंगी उन सभी में प्रियंका के जाने का कार्यक्रम है. जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों और समाज के दूसरों लोगों से मिलने के अलावा धार्मिक स्थलों पर भी जाने का कार्यक्रम है. प्रियंका गांधी की गंगा यात्रा इसलिए भी खास होने वाली है क्योंकि यूपी में इससे पहले गंगा यात्रा पर शायद ही कोई नेता निकला हो और जिस तरह मोदी ने गंगा के सहारे अपनी राजनीति चमकाई उसको चुनौती देना प्रियंका के लिए जरूरी है.

‘गंगा यात्रा’ कितनी कारगर रहेगी

प्रियंका की गंगा यात्रा में नदियों के किनारे बसने वाले कुछ पारंपरिक सामाजिक वर्गों से भी जनसंपर्क का पार्टी को राजनीतिक का फायदा मिल सकता है. नदियों किनारे निषाद और मल्लाह जैसी कई पिछड़ी जातियां रहती हैं और ये वोटबैंक कांग्रेस को यूपी में वापसी करा सकता था. प्रियंका की गंगा यात्रा से कांग्रेस को काफी उम्मीदें क्योंकि ये यात्रा यूपी में कांग्रेस की जमीन को मजबूत करा सकती है.

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *