युवा आक्रोश: ‘जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा, नहीं तो सत्ता से जाना पड़ेगा’
हाथों में मशाल लेकर निकले ये युवा देश की सरकार से पांच सालों का हिसाब मांग रहे हैं. पूछ रहे हैं कि 2014 में जो वादा किया था उसका क्या हुआ. रोजगार क्यों नहीं मिला, शिक्षा का बजट क्यों नहीं बढ़ाया गया और क्यों 24 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं?
इन युवाओं का कहना है कि 2014 में बड़ी उम्मीद के साथ इन्होंने नरेंद्र मोदी को समर्थन किया था लेकिन अब ये मोदी सरकार को नहीं चाहते क्योंकि सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. यंग इंडिया अधिकार मार्च के समर्थन में पहुंचे ये छात्र अपनी आवाज बुलंद कर रहे.
जुमला नहीं जवाब दो, पांच सालों का हिसाब दो जैसे नारे लगाकर अपनी आवाज को सरकार के कानों तक पहुंचाना चाहते हैं. यंग इंडिया नेशनल कॉर्डिनेशन कमेटी की लखनऊ इकाई के छात्रों ने आज परिवर्तन चौक से हजरतगंज में अम्बेडकर प्रतिमा तक मशाल जुलूस निकालकर कहा है कि वो जुमलेबाज सरकार को उखाड़ फेंकेंगे.
अम्बेडकर प्रतिमा पर ये जुलूस सभा में तब्दील हो गया जहां एक सुर में छात्रों ने कहा उन्हें काम चाहिए, रोजगार चाहिए. यंग इंडिया नेशनल कॉर्डिनेशन कमेटी के लखनऊ जिला संयोजक शिवा रजवार के मुताबिक,
” वर्तमान सरकार ने छात्र और युवाओं के साथ किए गए तमाम वादों, चाहे वो प्रतिवर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा हो, शैक्षिक संस्थानों की हालात में बेहतरी का वादा हो, किसानों की आय दोगुनी करने का वादा हो, सब वादों पर झूठ बोला है. रोजगार में कमी आई है और शिक्षा के बजट में लगातार कमी की जा रही है जो कि आजादी के बाद सबसे कम शिक्षा बजट के रूप में सामने आया है. इसलिए 7 फरवरी को पूरे देश के छात्र नौजवान इस सरकार से जवाब तलब करने के लिए दिल्ली में इकट्ठा हो रहे है”
यंग इंडिया अधिकार मोर्चा को नेताओं का समर्थन भी मिल रहा है. गुजरात के वडनगर से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने युवाओं से कहा है कि वो बड़ी तादाद में मोर्चा का समर्थन करें
सात फरवरी को दिल्ली कूच
सात फरवरी को ये नौजवान मोदी सरकार से सवाल करने के लिए दिल्ली को रुख करेंगे. इन छात्रों का कहना है कि आज के दौर में सरकार बहरी हो गई है और उसे सुनाने के लिए उसके कान के पास जाकर आवाज लगानी होगी. इंकलाबी नौजवान सभा के जिला संयोजक राजीव गुप्ता के मुताबिक,
” आज के दौर में जब सत्ता में बैठे लोग हनुमान की जाति, मंदिर मस्जिद जैसे मुद्दों पर बहस छेड़ रहे हैं तब देश के छात्र युवाओं का यह दायित्व बन जाता है कि शिक्षा – रोजगार के मूल मुद्दों पर युवाओं को संगठित करें. और इस दिशा में यंग इंडिया अधिकार मार्च एक महत्वपूर्ण कदम है।”
इन्होंने किया आवाह्न
आइसा के नितिन राज, राघवेंद्र गुप्ता, रत्न सेन बादल, शिवम सफीर, शिवम यादव, समाजवादी छात्र सभा से अनिल यादव, अहमद रज़ा खान, हर्षवर्धन, नमन पटेल, अर्श इक़बाल, सूर्यांश चौहान, आयुष श्रीवास्तव, संदीप, नूर मोहम्मद, मुकेश विश्वकर्मा, कौस्तुभ, अभिषेक कुमार, अंकुश यादव, शिवम यादव जैसे सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने सात फरवरी को दिल्ली कूच करने का आवाह्न किया है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई शिक्षक और छात्रों ने भी इस मोर्चे का समर्थन किया है. सात फरवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर होेने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर इन युवाओं को काफी समर्थन मिल रहा है. सरकार के खिलाफ लामबंद होते नौजवानों की नाराजगी मोदी को लोकसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है.