शिवकुमारा स्वामीजी को क्यों कहते थे ‘वॉकिंग गॉड’ ?
‘वॉकिंग गॉड’ यानी ‘चलता-फिरता भगवान’, एक ऐसा संत जो हमेशा तटस्थ रहा और जब वो दुनिया से गया तो सब शोक में डूब गए.
श्री श्री श्री डॉक्टर शिवकुमारा स्वामीजी ने 111 साल की उम्र में सोमवार को अंतिम सांस ली, कर्नाटक में ‘वॉकिंग गॉड’ के नाम से जाते थे स्वामी जी. पिछले आठ दशकों से सिद्धगंगा मठ के प्रमुख थे. ये मठ बेंगलुरू से 70 किलोमीटर दूर टुमकूर में है और इसे लिंगायत समुदाय की सबसे शक्तिशाली धार्मिक संस्थाओं में गिना जाता है.
88 सालों से वो हर जाति और धर्म के अनाथों को पाल रहे थे. उन्होंने तमाम आवासीय स्कूल बनवाए जहां हर वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं. उन्होंने सिर्फ बासव की विचारधारा के अनुरूप अपना जीवन जिया. बासव विचारधारा सभी जाति और नस्ल की व्यवस्था को नकारती है. बासव समानतावादी थे. और स्वामीजी ने बासव की सोच वाले समाज को बनाने के लिए काम किया.
8 दशकों तक बच्चों को मुफ़्त भोजन और मुफ़्त शिक्षा दी. करीब 9 हजार छात्र उनके सस्थानों में पढ़ते हैं. पूरी दुनिया में ये छात्र फैले हुए हैं. एक अनुमान है कि उनके संस्थान से लगभग 10 लाख छात्रों ने पढ़ाई की है. उन्होंने सैकड़ों शिक्षण संस्थान बनवाए. वो हमेशा तटस्थ रहे उन्होंने कभी किसी राजनीतिक दल को समर्थन नहीं किया. हर दल का नेता उनके पास गया फिर चांहें वो मोदी हों या फिर राहुल और सोनिया गांधी. यही कारण है कि सभी नेता उनके निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं. सोनिया गांधी ने एक बयान जारी कर कहा है,
“स्वामी जी ने समाज और देश की सेवा करते हुए लंबा जीवन जिया और 111 वर्षों तक उनके कांतिमय उपस्थिति हमारे लिए आशीर्वाद की तरह रही. भारत के महानतम आध्यात्मिक अगुवाओं में से एक की विदाई के वक्त मैं लिंगायत समुदाय के शोक में शामिल हूं. हम हमेशा उन्हें सम्मान के साथ याद करेंगे.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा,
” श्री श्री श्री शिवकुमारा स्वामीगालू लोगों के लिए जिए. ख़ासकर ग़रीबों और वंचितों के लिए. उन्होंने ख़ुद को ग़रीबी, भूख और सामाजिक अन्याय जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए समर्पित कर दिया. दुनिया भर में फैले उनके असंख्य अनुयायियों के साथ मेरी प्रार्थनाएं हैं. उनके प्रति एकजुटता प्रकट करता हूं.”
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा,
“सिद्धगंगा मठ के प्रमुख शिवकुमारा स्वामी जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. हर धर्म और समुदाय के लाखों भारतीय स्वामी जी का आदर और सम्मान करते थे. उनके चले जाने से बड़ा आध्यात्मिक खालीपन आ गया है. उनके सभी अनुयायियों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.”
कर्नाटक सरकार ने स्वामी जी के निधन पर तीन दिन का शोक मनाने का एलान किया है. इस दौरान सरकारी कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों की छुट्टी रहेगी.