कत्ल के चार्ज में ‘लव चार्जर’ बाबा को उम्रकैद, राजनीति में था जबरदस्त रसूख
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने सजा सुना दी है. पंचकुला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी मानते हुए उम्रकैद सजा सुनाई. राम रहीम के अलावा कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह, और कृष्ण लाल को भी सजा सुनाई गई है. राम रहीम पर 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने का आरोप था.
जिस पत्रकार ने 2002 में राम रहीम के रेप मामले का खुलासा किया था उस पत्रकार को राम रहीम ने मनवा दिया था. रामचंद्र छत्रपति के खुलासे की वजह से ही अगस्त 2017 में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को रेप केस में दोषी क़रार दिया था. रामचंद्र छत्रपति सिरसा के सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक थे. इस अखबार ने ही साध्वी के साथ हुए रेप की ख़बर प्रकाशित की थी. खबर छपने के बाद ही अक्तूबर 2002 में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. 2003 में ये मामला दर्ज किया गया और 2006 से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी. 51 साल का राम रहीम फिलहाल बलात्कार के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति केस के बारे में…
2000 में सिरसा में रामचंद्र छत्रपति ने वकालत छोड़कर “पूरा सच” के नाम से अख़बार शुरू किया और 2002 में उन्हें एक गुमनाम चिट्ठी मिली जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण की बात लिखी थी. रामचंत्र ने इस चिट्ठी को छाप दिया इसके छपने के बाद 19 अक्तूबर की रात छत्रपति को उनके घर के आगे गोली मार दी गई. 21 नंबवर को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई.बताया जाता है कि रामचंद्र का बयान तक दर्ज नहीं किया था बाद में उनके बेटे अंशुल छत्रपति ने कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की.
दिसंबर 2002 में छत्रपति के परिवार ने पुलिस की जांच से असंतुष्ठ होकर मुख्यमंत्री को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की गुहार लगाई. जनवरी 2003 में अंशुल ने हाई कोर्ट में भी सीबीआई जांच के लिए याचिका दाखिल की थी. इस मामले में 10 नवंबर, 2003 को सीबीआई को हाईकोर्ट ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. दिसंबर 2003 में सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी. सीबीआई की जांच पर रोक लगवाने के लिए डेरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायक की और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस जांच पर रोक लगा दी थी.
नवंबर 2004 में दूसरे पक्ष की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डेरा की याचिका को ख़ारिज कर दिया और सीबीआई जांच को जारी रखने के आदेश दिए. सीबीआई ने दोबारा दोनों मामलों की जांच शुरू की और डेरा प्रमुख समेत कइयों को अभियुक्त बनाया. 25 अगस्त 2017 को दो साध्वियों के लगाए गए बलात्कार के मामले में राम रहीम को दोषी माना गया तब सोशल मीडिया पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के लिए न्याय की मांग उठी थी.
राम रहीम का राजनीतिक रसूख
2002 से लेकर 2017 तक राम रहीम इसलिए बचता रहा क्योंकि उसका सियासी रसूख बहुत ज्यादा था. पंजाब और हरियाणा की राजनीति में डेरा सच्चा सौदा का गहरा असर है. देश भर में डेरा के करीब पांच करोड़ समर्थक बताए जाते हैं. जिनमें से 1 करोड़ मतदाता तो सिर्फ पंजाब और हरियाणा में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जब 2014 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे तो उन्हें भी डेरा की तारीफ करनी पड़ी थी. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में बाबा राम रहीम के डेरे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने राम रहीम से मुलाकात की थी. डेरा ने बीजेपी का समर्थन किया था और इसका असर ये हुआ कि बीजेपी बहुमत से जीती.
हरियाणा के 9 जिलों की करीब 36 सीटों पर डेरे का असर था. राज्य में 20 लाख से 25 लाख अनुयायी हैं. उचाना कलां, टोहाना, अंबाला सिटी, हिसार, नारनौंद, बवानी खेड़ा, भिवानी, शाहबाद, थानेसर, लाडवा, मौलाना और पेहवा सीटें डेरे की ही मानी जाती हैं.
राम रहीम के राजनीतिक रसूख का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कई मंत्रियों ने बाकायदा डेरा को अनुदान भी दिया है. और मत्था टेका है. पंजाब की सियासत की बात करें तो मालवा क्षेत्र के 13 जिलों में 117 विधानसभा सीटों में से 65 सीटों पर डेरे का असर है. 2007 और 2009 के लोकसभा चुनाव में डेरा कांग्रेस के साथ था तो 65 में कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीती थी. अकाली दल 19 सीटें जीती थीं लेकिन जब डेरा बीजेपी के साथ हो गया तो बीजेपी का रसूख यहां बड़ गया.
अब तो राम रहीम जेल की चक्की पीसेगा लेकिन 1990 में डेरा प्रमुख बनने से लेकर 2017 तक उसने आस्था के नाम पर ना सिर्फ गलत काम किए बल्कि बड़े पैमाने पर दौलत भी जाम की.
उत्तर प्रदेश के बागपत, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और दिल्ली से लेकर राजस्थान में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, जयपुर, मध्य प्रदेश के सीहोर, छत्तीसगढ़ के कोरबा, महाराष्ट्र के सतारा, गुजरात के भुज, कर्नाटक के मैसूर से लेकर उड़ीसा के पुरी तक डेरा सच्चा सौदा के आश्रम हैं.
खैर अब इन आश्रमों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि राम रहीम अब मरने तक जेल में ही रहेंगे.