स्वास्थ्य नीति: ना शिक्षक हैं, ना बजट बस एम्स का एलान हो गया है

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नई दिल्ली: एम्स भारत के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए एक उम्मीद है. उम्मीद इस बात की कि कहीं अगर जान न बची तो एम्स में तो बच ही जाएंगे. पहले देश में एक ही एम्स था. एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान होता है. एम्स अपनी क्वालिटी और सस्ते इलाज के लिए जाना जाता है. प्राइवेट अस्पतालों का इलाज ज्यादातर लोगों की पहुंच के बाहर होने के कारण इनके महत्व को समझा जा सकता है. मोदी सरकार की स्वास्थ्य नीति में एम्स की बड़ी भूमिका है.

मोदी सरकार ने कितने एम्स का एलान किया ?

  • मई 2018 में मोदी कैबिनेट ने देश में 20 नए एम्स का एलान किया
  • जून 2018 तक सिर्फ 13 में से एक भी एम्स शुरू नहीं हो पाया था
  • मोदी सरकार के 48 महीने में 13 एम्स जैसे संस्थाओं को मंज़ूरी दी

एलान तो बड़े बड़े किए गए हैं. लेकिन हकीकत हैरान करने वाली है. राज्यसभा की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण से संबंधित संसदीय समिति ने 6 नए एम्स में शिक्षकों की कमी पर चिंता प्रकट की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्स पटना में 305 में से अब तक केवल 122 पद ही भरे हैं, एम्स-ऋषिकेश में शिक्षकों की सबसे अधिक बहाली की गई यहां कुल 229 शिक्षक हैं, भुवनेश्वर में 184, जोधपुर में 145, भोपाल में 141 और रायपुर में 125 पद भरे गए हैं. ये हालात तब है जब यहां पर शिक्षकों के 305 पद स्वीकृत हैं. इतना ही नहीं गैर-शिक्षक या गैर-चिकित्सीय पद भी खाली पड़े हैं. 22,656 पदों में से सिर्फ 8,868 पदों पर ही बहाली की जा सकी है. 1830 प्रोफेसरों की जगह है और नियुक्ति सिर्फ 946 पदों पर हुई है. करीब 834 पद खाली पड़े हैं. ये तो हालत है. अब जरा उन एम्स की हालत भी देख लीजिए जिनकी घोषणा की गई है.

गोरखपुर एम्स
2014 में घोषणा की गई, जमीन तय हो चुकी है, 1,011 करोड़ रुपये की लागत से मार्च 2020 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य था लेकिन अभी सिर्फ 98 करोड़ रूपये जारी हुए है.

नागपुर एम्स
2014 में घोषणा हुई, 1,577 करोड़ रुपये की लागत है लेकिन 231 करोड़ जारी हुए हैं

गुवाहाटी एम्स
2015 में घोषणा हुई, 1,123 करोड़ रुपये की लागत है, अप्रैल 2021 तक पूरा होना है लेकिन सिर्फ 5 करोड़ रूपये जारी हुए हैं

देवघर एम्स
2017 में एलान हुआ, 1,103 करोड़ रुपये लगात है, 2021 तक पूरा होना है लेकिन इसके लिए कोई बजट जारी ही नहीं हुआ

गुजरात एम्स
2017 में घोषणा हुई, 1200 करोड़ रूपये की लागत है लेकिन अभी कोई रकम जारी नहीं हुई

बिहार एम्स
2015 में एलान हुआ, 1200 करोड़ लागत है लेकिन अभी तक बजट जारी नहीं हुआ

मंगलागिर, आंध्र प्रदेश एम्स
2014 में एलान हुआ, 1,618 करोड़ रुपये की लागत है लेकिन लेकिन सिर्फ 233 करोड़ रूपये जारी हुए

कल्याणी, पश्चिम बंगाल एम्स
2014 में इसका एलान किया लेकिन अभी तक जगह ही तय नहीं हो पाई है, 1,754 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एम्स के लिए सिर्फ 278 करोड़ रूपये लागू हुए हैं.

बठिंडा, पंजाब एम्स
2015 में एलान हुआ, 925 करोड़ रुपये की लागत है लेकिन केवल 128 करोड़ रु जारी हुए.

साम्बा, जम्मू-कश्मीर एम्स
2015 में एलान हुआ, 1668 करोड़ की लागत है लेकिन सिर्फ 48 करोड़ बजट आवंटित हुआ.

पुलवामा, जम्मू-कश्मीर एम्स
2015 में एलान, 1837 करोड़ का बजट और सरकार ने सिर्फ 42 करोड़ रूपये दिए हैं.

मदुरई, तमिलनाडु एम्स
2015 में इसका एलान हुआ लेकिन 1200 करोड़ रूपये से बनने वाले एम्स के लिए अभी तक कोई रकम नहीं दी गई.

बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश एम्स
2015 में एलान हुआ, ये एम्स 1351 करोड़ में बनना है लेकिन अभी तक सिर्फ 10 करोड़ रूपये दिए गए हैं.

बीवीनगर, तेलंगाना एम्स
2018 में एलान हुआ, 1200 करोड़ में बनने वाले एम्स के लिए अभी तक कोई रकम नहीं आवंटित की गई.

अब बताइए ये हालत है एम्स की और आप उम्मीद करते हैं कि एम्स मे लोगों का इलाज होगा. ना शिक्षक हैं और न ही नए एम्स के लिए बजट दिया गया है. बस घोषणा करते रहे और राजनीति चमकाने की जुगत में लगे रहो

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