पेट्रोल-डीजल के लिए फ्रांसवालों ने हंगामा क्यों किया ?
पिछले दिनों भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें जब 90 रूपये प्रति लीटर के पार हो गई तो हम सभी लोगों ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए. सरकार को बढ़ती कीमतों के लिए जिम्मेदार ठहराया. लोगों की नाराजगी के बावजूद सरकार कहती रही कि कीमतें हमारे नियंत्रण में नहीं हैं लेकिन जब पांच राज्यों के चुनाव करीब आए तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होने लगीं. ये हमारे देश में होता रहता है. यहां लोगों के हित के लिए नहीं बल्कि राजनीति के लिए महंगाई बढ़ती और घटती है. मगर फ्रांस में ऐसा नहीं होता. फ्रांस में क्या होता है ये आपको बताते हैं.
▶️ ‘Yellow vest’ protesters ‘feel ridiculed’ by Macron’s U-turn to delay fuel tax increase https://t.co/U80pC648nt pic.twitter.com/pdEkRR6m3l
— FRANCE 24 English (@France24_en) December 5, 2018
फ्रांस को दुनिया जानती है खान-पान, फ़ैशन, संस्कृति और भाषा के लिए, फ्रांस को लोग जानते हैं एफिट टॉवर के लिए. लेकिन एक बात और है फ्रांस की जो आपको जाननी चाहिए और वो है फ्रांस के लोगों की मुखरता. फ्रांस में इन दिनों येलो वेस्ट या येलो जैकेट मूवमेंट चल रहा है और कहा जा रहा है ये पिछले कुछ में हुए आंदोलनों में सबसे बड़ा आंदोलन है. मूवमेंट में शामिल लोग पीले रंग की जैकेट पहनकर विरोध कर रहे हैं. पीले रंग की ही जैकेट क्यों पहनी है ये आपको बाद में बताएंगे पहले ये बताते हैं कि आंदोलन हो क्यों रहा है.
येलो जैकेट मूवमेंट क्या है और क्यों हो रहा है ?
- 17 नवंबर 2018 को फ्रांस में येलो वेस्ट या येलो जैकेट मूवमेंट की शुरुआत हुई थी.
- आंदोलन इटली, बेल्जियम और नीदरलैंड तक फैला नहीं कामयाब फ्रांस में ही हुआ.
- करीब 15 दिनों से फ्रांस में इस आंदोलन की चिंगारी सुलग रही है.
- पैरिस से लेकर प्रमुख शहरों और छोटे क़स्बों तक लाखों लोग इससे जुड़ चुके हैं.
- आंदोलन सोशल मीडिया से शुरू हुआ और मध्यम वर्ग की आवाज बन गया.
- सरकार द्वारा लगाए नए टैक्सों के विरोध में लोग एकजुट होना शुरु हुए.
- 15 दिनों में आंदोलन से करीब 10 लाख से ज़्यादा लोग जुड़ चुके हैं.
- मैक्रों की सरकार ने तेल पर हाइड्रोकार्बन टैक्स बढ़ा दिया.
- सरकार बिजली से चलने वाली गाड़ियों को प्रमोट करने के लिए ऐसा कर रही है.
- जिन लोगों के पास डीजल-पेट्रोल की गाड़ियां वो लोग सड़कों पर उतर आए.
#Breaking: Ongoing anti-Government protests and riots in Paris, France, have left over 100 people injured. At least 140 people have been arrested. #Paris #YellowVests pic.twitter.com/3SIzGhrx0l
— Treasure News (@news_treasure) December 1, 2018
बिना लीडर के खड़ा हुआ आंदोलन सरकार की मुसीबत बना
येलो वेस्ट आंदोलन का कोई नेता नहीं है. फिर भी लाखों लोग सरकार के खिलाफ उतरे हैं ऐसे वक्त में जब भारत में भी तेल के दाम आसमान छू रहे हैं और यहां लोग सिर्फ रो रहे हैं तब फ्रांस के लोग अपने हक के लिए सड़कों पर उतरे हैं. फ्रांस में डीज़ल के दाम पिछले 12 महीनों में 23 प्रतिशत से अधिक बढ़े हैं. भारत में भी बीते एक साल में तेल की कीमतों काफी बढ़ी हैं लेकिन यहां लोगों में इस तरह का गुस्सा नहीं है. फ्रांस में ऐसा नियम है कि किसी बिज़नेस या कंपनी के लिए काम करने वालों को ऑफिस आने-जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के किराये का आधार अपने एंप्लॉयर से मिल जाता है. लेकिन जो लोग शहर से बाहर रहते हैं उन्हें अपनी गाड़ी से आना जाना प़ड़ता है और वही लोग नराज है. लोगों का कहना है कि एयरप्लेन फ़्यूल पर टैक्स क्यों नहीं लगाया गया ? अब सवाल ये है कि बिना नेता के ये आंदोलन इतना बड़ा कैसे हो गया ? तो इसका जवाब ये है कि फ्रांस में लोग अधिकारों को लेकर बहुत जागरूक हैं. यहां ट्रेड यूनियनिज़म ताकतवर है लोग और मजदूर वर्ग में एकता है. यही वजह थी आंदोलन की वजह से फ्रांसीसी सरकार को झुकना पड़ा और पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले टैक्सों को छह महीने के लिए टाल दिया गया. तो क्या भारत में ऐसा हो सकता है. खैर अब आपको बताते हैं कि आंदोलनकारी पीली जैकेट क्यों पहन रहे हैं. दरअसल फ्रांस में 2008 में बने क़ानून के मुताबिक़ वाहनों में इस तरह के जैकेट रखना अनिवार्य है ताकि गाड़ी कहीं ख़राब हो जाए तो इसे पहनकर उतरा जाए. प्रदर्शनकारियों ने ये जैकेट सांकेतिक रूप से ये जैकेट पहनी है ताकी सरकार को समझा सकें.