योगी बताएं! कलयुग के ‘रामराज्य’ में रावण कौन है ?
लखनऊ: सरकार की नीयत कैसी है ये उसकी नीतियों से स्पष्ट हो जाता है. प्रजा को रामराज्य का इंतजार था और 2017 में जब बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ जीतकर आई तो लोगों को लगा कि इंतजार कि घड़िया खत्म अब उत्तरप्रदेश से जंगलराज खत्म होगा और योगी आदित्यनाथ के राज में रामराज्य होगा.
कलयुग में रामराज्य की कल्पना करने वाले लोगों के जेहन में योगी आदित्यानाथ की जो भूमिका थी वो अब सवालों के घेरे में है. सपा सरकार के जंगलराज को भुनाकर सत्ता में आई बीजेपी की सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं. खास कर कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है. कुछ घटनाओं पर ध्यान दें तो ये बात साबित हो जाती है कि रामराज्य की कल्पना सिर्फ जुमला थी.
वो घटनाएं जिनपर प्रश्न उठ रहे हैं
- 26 जनवरी 2018 को कासगंज में बवाल हुआ एक युवा की मौत हो गई.
- लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की कांस्टेबल ने हत्या कर दी.
- प्रदेश में लगातार हो रहे फर्जी एनकाउंटर पर भी सरकार घिरी हुई है.
- अलीगढ़ में एनकाउंटर के दौरान मीडिया को बुलाकर पुलिस ने फोटो खिंचवाई.
- चार दिसंबर को लखनऊ में भाजपा नेता प्रत्यूष त्रिपाठी की चाकू मार कर हत्या.
- बुलंदशहर में कथित गोकशी के नाम पर हिंसा एक इंस्पैक्टर समेत दो लोगों की मौत.
सिलसिलेवार तरीके से देखें तो सभी घटनाओं में पुलिसिया कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. ये हमने कुछ खबरों के बारे में आपको बताया है. इस तरह की घटनाओं की लंबी फेहरिस्त है. लिहाजा हम ये कह सकते हैं कि योगी जिस रामराज्य के सपने को दिखाकर सत्ता में आए हैं वो अयोध्या में दिए जलाने और शहरों के नाम बदलने से नहीं आएगा उसके लिए लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करना पड़ेगा. अब रामराज्य में योगी आदित्यनाथ अभी तक राम की भूमिका में नहीं है. बाकी आप तय करिए कि कलयुग के रामराज्य में योगी कौन हैं.