गुप्तेश्वर पांडेय बने ‘रॉबिन हुड बिहार के’, सियासी जमात में शामिल होने की तैयारी
सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती को औकात याद दिलाने वाले बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अब बिहार की सियासी जमात में शामिल होने के लिए तैयार हैं. उन्होंने पुलिस सर्विस से वीआरएस ले लिया है. और उनका एक वीडियो सामने आया है जिसके बोल हैं ‘गुप्तेश्वर पांडे रॉबिनहुड बिहार के’
गुप्तेश्वर पांडेय. बिहार के पूर्व डीजीपी. जिन्होंने 22 सितंबर को वीआरएस ले लिया. इसके बाद 22 सितंबर की देर शाम यू ट्यूब पर एक गाना लॉन्च हुआ. इस गाने के बोल हैं ‘गुप्तेश्वर पांडे रॉबिनहुड बिहार के’ बेहद नाटकीय अंदाज में फिल्माया गया यह गाना गुप्तेश्वर पांडे की महिमा का बखान करता है. इस गाने के यूट्यूब पर रिलीज होने के बाद एक बार फिर से यह बात जोर पकड़ गई है पांडे जी बक्सर से नितीश कुमार की पार्टी की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. गुप्तेश्वर पांडे उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती को उनकी औकात याद दिलाई थी.
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं गुप्तेश्वर पांडे
1987 बैच के आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय का जन्म बक्सर ज़िले के एक छोटे से गांव गेरूआ में हुआ था. किसान पिता जगदीश पांडेय और माता गंगाजला देवी के यहां जन्मे गुप्तेश्वर पांडेय के दो भाई और एक बहन हैं. गुप्तेश्वर पांडेय के भाई श्रीकांत प्रत्यूष बिहार के चर्चित मीडियाकर्मी हैं तो दूसरे भाई रास बिहारी पांडेय पेशे से किसान हैं. गुप्तेश्वर पांडेय की पत्नी चिंता देवी गृहणी हैं. उनके पाँच बच्चे हैं जिसमें तीन बेटियां और दो बेटे हैं. एक बेटे दिल्ली के हिंदू कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं तो दूसरे बेटे एमिटी दिल्ली में क़ानून की पढ़ाई कर रहे हैं.
बिहार के 26 जिलों में कर चुके हैं नौकरी
गुप्तेश्वर पांडेय के फ़ेसबुक पेज के मुताबिक़, वो बिहार में अलग-अलग पदों पर उसके 26 ज़िलों में काम कर चुके हैं. कई ज़िलों में उन्होंने कम्युनिटी पुलिसिंग के ज़रिए प्रयोग किए. ख़ासतौर पर 1993 -94 में बेगूसराय और 1995-96 में जहानाबाद ज़िले में उनकी पोस्टिंग चर्चा में रही. गुप्तेश्वर पांडेय सबसे ज़्यादा विवादित रहे 2012 में मुज़फ़्फ़रपुर की 13 साल की बच्ची नवरुणा हत्याकांड के मामले में. साल 2014 में गुप्तेश्वर पांडे और बिहार पुलिस के दो कर्मियों के ख़िलाफ़ सीबीआई ने नवरूणा केस की जाँच की थी.
विवादों से रहा है पुराना नाता
हालांकि गुप्तेश्वर पांडेय इन आरोपों से इंकार करते रहे हैं. नवरुणा हत्याकांड के बाद गुप्तेश्वर पांडेय साल 2009 में चर्चा में आए जब उन्होंने बीजेपी से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस के लिए आवेदन दिया था. लेकिन उन्हें बक्सर से बीजेपी की टिकट नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने अपना आवेदन वापस ले लिया. साल 2019 में नीतीश सरकार ने उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया लेकिन ये भी विवादों से परे नहीं रहा. माना जाता है कि गुप्तेश्वर पांडेय से तीन सीनियर अधिकारी थे जिनकी अनदेखी करते हुए उन्हें डीजीपी बनाया गया था.
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