5 बिंदुओं में समझिए कोरोना वैक्सीन कब तक और कितने खर्च में आप तक पहुंचेगी?
चीन से शुरू हुआ कोरोनावायरस का हाहाकार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है दुनिया के ज्यादातर मुल्क इस वायरस की चपेट में है. यूरोप, अमेरिका, ब्राजील, रूस और भारत जैसे देशों में वायरस के चलते हजारों लोगों की जान गई है. सभी को इंतजार है कोरोना वायरस की वैक्सीन का. चलिए आपको बताते हैं यह वैक्सीन कहां बन रही है और कब तक बाजार में पहुंचेगी?
दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब दो करोड़ 66 लाख से अधिक हो चुके हैं और इस वायरस से मरने वालों की संख्या 8 लाख 75 हज़ार से अधिक है. लेकिन अब तक इस से निपटने के लिए कोई कारगर वैक्सीन नहीं बन पाई है. इसी साल 11 अगस्त को रूस ने कोविड-19 की पहली वैक्सीन को रजिस्टर किया और इसे स्पुतनिक V नाम दिया. रूस का कहना है कि उसने मेडिकल साइंस में एक बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है. लेकिन आलोचकों का दावा है कि यह वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण से नहीं गुज़री है और इस कारण ये यक़ीन नहीं किया जा सकता कि वैक्सीन कामयाब होगी.
कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी पांच अहम बातें
- 34 कंपनियां कोरोना वैक्सीन बना रही हैं और इनमें से सात के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल जारी हैं. वहीं तीन कंपनियों की वैक्सीन दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल तक पहुंची हैं.
- कोरोना वायरस की वैक्सीन लोगों के लिए 2021 के मध्य तक उपलब्ध होगी. हालांकि, जेम्स ये भी कहते हैं कि कोरोना वायरस परिवार के चार वायरस पहले से ही इंसानों के बीच मौजूद हैं और इनसे बचाव के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है.
- भारत और विकासशील देशों के लिए इस वैक्सीन की क़ीमत तीन डॉलर यानी 220 रुपये के क़रीब होगी.
- फ़ायर्सफ़ार्मा में प्रकाशित एक ख़बर के अनुसार, एसवीबी लीरिंक के विश्लेषक ज्योफ्री पोर्जेस के मुताबिक़, फ़ाइज़र और बायोएनटेक का कहना था कि वो अपनी एमआरएनए आधारित कोरोना वैक्सीन अमरीकी सरकार को 19.50 डॉलर प्रति डोज़ (1,500 रुपये) के हिसाब से बेचने वाले हैं जिसमें उन्हें 60 से 80 फ़ीसदी तक का लाभ हो सकता है.
- व्यक्ति को इस वैक्सीन के दो शुरुआती डोज़ और एक बूस्टर डोज़ की ज़रूरत होगी और इसके लिए आम व्यक्ति को 40 डॉलर तक देने पड़ सकते हैं. वहीं टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इसकी क़ीमत क़रीब 20 डॉलर तक हो सकती है.
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