अमेरिका का चुनाव एतिहासिक होगा लेकिन इसमें भारत कि क्या भूमिका होगी?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने सांसद कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है. ये ऐतिहासिक है और इस तरह का प्रयोग पहले कभी नहीं हुआ. ट्रंप इसे अमेरिका के लिए गलत मान रहे हैं.
कमला हैरिस की जड़ें भारत में भी हैं और वो भारतीय-जमाईका मूल की हैं. इस पद के लिए चुनाव लड़ने वाली वो पहली काली महिला होंगी. इससे पहले दो बार किसी महिला को उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया था. 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने सारा पैलिन को अपना उम्मीदवार बनाया था और 1984 में डेमोक्रेटिक पार्टी ने गिरालडिन फ़ेरारो का अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन दोनों ही चुनाव हार गई थीं.
कमला कैलिफ़ोर्निया की अटॉर्नी जनरल रह चुकी हैं और वो पुलिस सुधार की बहुत बड़ी समर्थक हैं.जो बाइडन तीन नवंबर को होने वाले चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मुक़ाबला करेंगे जो रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं. मौजूदा उप-राष्ट्रपति माइक पेन्स एक बार ट्रंप के साथ उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे. बाइडन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. बाइडन ने उन्हें, “बहादुर योद्धा और अमरीका के सबसे बेहतरीन नौकरशाहों में से एक” क़रार दिया.
कमला हैरिस ने ट्वीट कर बाइडन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “बाइडन अमरीकी लोगों को एक कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने हमलोगों के लिए लड़ते हुए अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी. और राष्ट्रपति के तौर पर वो एक ऐसा अमरीका बनाएंगे जो कि हमारे आदर्शों पर खरा उतरेगा.” वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, ”कमला हैरिस वो व्यक्ति हैं जिन्होंने ऐसी कई कहानियां सुनाईं, जो सच नहीं थीं. जैसा कि आपको पता है कि उन्होंने प्राइमरी चुनाव में बहुत ख़राब प्रदर्शन किया था. इसलिए मुझे थोड़ी हैरत हो रही है कि बाइडन ने उन्हें क्यों चुना.”
55 साल की कमला हैरिस दिसंबर में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस से बाहर हो गई थीं. कमला हैरिस का जन्म कैलिफ़ोर्निया के ओकलैंड में हुआ था. उनके माता-पिता प्रवासी थे. उनकी माँ का जन्म भारत में हुआ था, जबिक उनके पिता का जन्म जमाइका में हुआ था. कमला हैरिस दो बार अटॉर्नी जनरल रहीं और फिर 2017 में वो सांसद बनीं. वो ऐसा करने वाली दूसरी काली महिला थीं. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जिनके साथ बाइडन ने आठ सालों तक उप-राष्ट्रपति के पद पर काम किया था, ने ट्वीट कर कहा, “वो इस पद के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने अपने पूरे करियर को हमारे संविधान को बचाने के लिए लगाया है और उन लोगों की लड़ाई लड़ी है जिन्हें यहां जायज़ हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.”
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