राम मंदिर के भूमि पूजन में विपक्ष का क्या काम, ये लोग होंगे कार्यक्रम के खास मेहमान?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में 5 अगस्त के भूमि पूजन समारोह के लिए निमंत्रण भेज दिया है. पीएम मोदी सहित बीजेपी-आरएसएस-वीएचपी के मंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया है. क्ई मुस्लिम नेताओं को भी बुलाया गया है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि किसी भी विपक्ष के नेता को इसमें में निमंत्रण नहीं दिया गया है.
अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन समारोह में पहुंचने वाले मेहमानों की लिस्ट तैयार हो गई है. इसमें बीजेपी, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेताओं के साथ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मुख्य मुद्दई में से एक, बाबा रामदेव और देशभर के कई संतों को आमंत्रित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आयोजित किए जा रहे इस भूमि पूजन समारोह में आने के लिए मुहर लगा दी है.
बीजेपी और संघ के नेताओं ने जिन्होंने इस मौके पर अयोध्या पहुंचने पर मुहर लगा दी है उसमें एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी शामिल हैं. आरएसएस चीफ मोहन भागवन, जेनरल सेक्रेटरी सुरेश भय्याजी जोशी और योग गुरू रामदेव को आमंत्रित किया गया है उन्होंने भी आने की पुष्टि कर दी है. मुस्लिम नेताओं को भी आमंत्रण भेजा है, जिसमें उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़फर फारूक़ी और यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वासिम रिज़वी भी शामिल हैं. अयोध्या लैंड डिस्प्यूट मामले में प्रमुख याचिकाकर्ता इक़बाल अंसारी को भी निमंत्रण भेजा गया है. अंसारी के बेटा मोहम्मद हाशिम अंसारी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुद्दई में से एक हैं.
ट्रस्ट ने विपक्षी राजनीतिक पार्टी के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया है, यहां तक की कांग्रेस पार्टी की मौजूदा अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी को भी नहीं. एकमात्र अपवाद अंबेडकर नगर से बीएसपी के सांसद रितेश पांडे हैं. इसके अलावा फैजाबाद, अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी सांसदों और विधायकों को आमंत्रित किया है. कुल मिलाकर राम मंदिर निर्माण में विपक्ष को किनारे रखा जा रहा है.
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