गांव में रहते हैं और घर नहीं है तो सरकार से मदद लेने के लिए यह करना होगा

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ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक ज्यादा से ज्यादा परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) या प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत सरकार बिजली की आपूर्ति और स्वच्छता जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं की विशेषता वाले पक्के घरों के निर्माण के लिए पैसे की सहायता प्रदान करती है. 

प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में शुरू की गई थी. यह केंद्र सरकार द्वार चलाई जाने वाली योजना है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक ज्यादा से ज्यादा परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. सरकार बिजली की आपूर्ति और स्वच्छता जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं की विशेषता वाले पक्के घरों के निर्माण के लिए पैसे की सहायता प्रदान करती है. वे सभी परिवार जिनके पास घर नहीं है या वर्तमान में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे या जर्जर घरों में रह रहे हैं, वे PMAY-G के लिए आवेदन कर सकते हैं.

कितना होगा फायदा?

  1. सालाना आमदनी: 6 लाख रुपये
  2. लोन की अधिकतम रकम: 6 लाख रुपये
  3. सब्सिडी: 6.5 फीसदी
  4. लोन की राशि: 6 लाख रुपये
  5. ब्याज दर: 9 फीसदी
  6. मंथली EMI: 5398 रुपये
  7. 20 साल में कुल ब्याज: 6.95 लाख रुपये
  8. 6.5 फीसदी सब्सिडी के हिसाब से आपका ब्याज सब्सिडी के बाद एनपीवी 2,67,000 रुपये हो जायेगा. इस हिसाब से आपका PMAY लोन वास्तव में 6 लाख रुपये की जगह 3.33 लाख रुपये हो जाता है.

पीएमएवाई-जी में आप 6 लाख रुपये का लोन सालाना 6.5 फीसदी तक की ब्याज दर पर ले सकते हैं. घर का न्यूनतम आकार सभी बुनियादी सुविधाओं जैसे कि बिजली की आपूर्ति और स्वच्छ खाना पकाने की जगह के साथ 25 वर्ग मीटर होना चाहिए. इस योजना के अंतर्गत CLSS या क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है. अगर आपको घर बनाने के लिए इससे ज्यादा रकम चाहिए तो आपको उस अतिरिक्त रकम पर आम ब्याज दर से लोन लेना होगा. अब जब ऑनलाइन वेबसाइट पर कई कैलकुलेटर मौजूद हैं, आप भी अपने होम लोन की रकम और ब्याज दर के हिसाब से मासिक किस्त की गणना कर सकते हैं.

किन्हें मिलेगा लाभ

गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की लिस्ट के अलावा, कुछ अन्य व्यक्ति जो PMAY-G के लाभ प्राप्त करने के लिए योग्य हैं….

  1. पूरे देश में परिवार के पास कहीं भी पक्का घर नहीं होना चाहिए.
  2. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST)
  3. BPL श्रेणी में अल्पसंख्यक और नॉन-SC/ST ग्रामीण परिवार
  4. रिटायर और कार्रवाई में शहीद हुए रक्षा कर्मियों/अर्धसैनिक बलों के सैनिकों की विधवाओं और आश्रित-परिजन
  5. इस योजना के तहत लोन के लिए आवेदन करने वाले परिवार में एक पति, पत्नी और बच्चे शामिल हैं (जो कि अविवाहित हों)
  6. आवेदक और उसके परिवार को इस योजना के लिए अनिवार्य आय मानदंड को पूरा करना होगा और इसका संबंध EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग), LIG (निम्न आय समूह), या BPL (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी से होना चाहिए
  7. आवेदक के परिवार की आय 3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये के बीच होनी चाहिए.
  8. इस स्कीम के अंतर्गत लाभार्थियों को केवल एक प्रॉपर्टी खरीदने या निर्माण करने की अनुमति है.

जरूरी कागजात

  1. भरे हुए PMAY G आवेदन फॉर्म
  2. आईडी प्रूफ (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, आदि)
  3. जातीय समूह प्रमाण पत्र
  4. आय का प्रमाण
  5. आय प्रमाण पत्र, यदि आय टैक्सेबल लिमिट से कम है
  6. एड्रेस प्रूफ
  7. वेतन प्रमाण पत्र
  8. 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
  9. इनकम टैक्स रिटर्न
  10. फॉर्म 16
  11. टैक्स एसेसमेंट ऑर्डर
  12. अगर आवेदक व्यवसाय में शामिल है तो व्यवसाय की जानकारी
  13. व्यवसाय के मामले में आर्थिक स्टेटमेंट
  14. निर्माण की योजना
  15. निर्माण की लागत का क्लेम करने वाला प्रमाण पत्र
  16. आधिकारिक मूल्यांकनकर्ता का प्रमाण पत्र
  17. एक शपथ पत्र जिस में यह प्रमाणित किया जाए कि न तो आवेदक और न ही उसके परिवार के सदस्यों के पास पक्के मकान हैं
  18. बिल्डर को किए गए किसी भी एडवांस भुगतान की रसीद
  19. डेवलपर या बिल्डर के साथ हुआ एग्रीमेंट
  20. एक हाउसिंग सोसायटी से NOC

आवदेन कर चुके हैं तो ऐसे चेक करें नाम

  • rhreporting.nic.in/netiay/Benificiary.aspx वेबसाइट पर जाएं.
  • अगर रजिस्ट्रेशन नंबर है तो इसे डालें और क्लिक करें, जिसके बाद विवरण सामने आ जाएगा.
  • अगर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है तो ‘एडवांस सर्च’ पर क्लिक करें.
  • इसके बाद जो फॉर्म आए उसे भरें.
  • फिर सर्च विकल्प पर क्लिक करें.
  • अगर आपका नाम PMAY-G लिस्ट में मौजूद है, तो सभी संबंधित विवरण दिखाई देंगे.

लिस्ट तैयार करने का क्या है आधार?

सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ लेने वालों की पहचान करने के लिए सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसश 2011 यानी सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 पर ध्यान देती है. इसके अलावा, सरकार फाइनल लिस्ट का निर्णय लेने के लिए तहसील और पंचायतों को शामिल करती है.

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