चीन की इतनी मजाल की अब वो पूरी गलवान घाटी पर दावा ठोंक रहा है, मोदी जी करारा जवाब दीजिए!

0

गलवान घाटी को लेकर भारत भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. एक तरफ भारत में चीनी सामान को लेकर विरोध और बहिष्कार का दौर चल रहा है. वहीं दूसरी ओर चीन ने पूरी गलवान घाटी पर दावा पेश कर दिया है.

चीन के विदेश मंत्रालय की रोज़ाना प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता झाओ लीजियान ने कहा कि, पूरी गलवान घाटी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्शन में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन की ओर है. कई सालों से चीन के सैनिक इस क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं. इस साल अप्रैल के बाद से लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर गलवान घाटी में भारतीय सेना ने एकतरफ़ा कार्रवाई करते हुए लगातार सड़कें बनाई हैं, पुल और अन्य ठिकाने बनाए हैं. चीन ने कई बार शिकायत की लेकिन भारत ने और उकसाने वाली कार्रवाई करते हुए एलएसी को पार किया.

भारतीय मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन ने 15-16 जून की रात को हुई हिंसक झड़प के बाद भारत के चार अधिकारी और छह जवानों को अपने क़ब्ज़े में ले लिया था जिन्हें गुरुवार शाम छोड़ा गया है. इस हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक मारे गए थे जिनमें एक कर्नल भी शामिल थे. झाओ लीजियान ने कहा कि, ‘जहां तक मुझे जानकारी है, इस समय चीन की हिरासत में कोई भारतीय सैनिक नहीं है.’ ये पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का बयान दिया हो. इससे पहले भी वो भारत को उकसाने वाली बयान दे चुका है.

बिगड़े हालत के लिए भारत ज़िम्मेदार है

जब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से गलवान घाटी में हुए घटनाक्रम के बाद भारत में चीन के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों और चीन के सामान के बहिष्कार की अपीलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गलवान में जो कुछ हुआ है उसकी ज़िम्मेदारी भारत की है. 6 मई की सुबह को एलएसी पार करने वाले सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों ने, जो रात में एलएसी पार करके चीन के क्षेत्र में आ गए थे, बैरिकेड लगाए और क़िलेबंदी की जिससे सीमा पर तैनात चीन के सैनिकों की गश्त में अवरोध पैदा हुआ. इसलिए चीन के सैनिक परिस्थिति से निपटने के लिए और ज़मीन पर अपने प्रबंधन और नियंत्रण को मज़बूत करने के लिए ज़रूरी क़दम उठाने के लिए मजबूर हो गए.

ये भी पढ़ें

पंचायत ऑनलाइन

अपनी राय हमें [email protected] के जरिये भेजें. फेसबुक और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *